बुटा सिंह
सहायक आचार्य,
ग्रामीण विकास विभाग,
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली
17 सितम्बर का दिन केवल एक महान व्यक्तित्व का जन्मदिवस भर नहीं है, बल्कि यह अवसर है उस दूरदृष्टा नेता के योगदान को स्मरण करने का, जिसने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया और ग्रामीण भारत को अपनी नीतियों का केंद्रबिंदु स्थापित किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का जीवन एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुँचने की प्रेरक यात्रा है। यही कारण है कि उनके हृदय में गाँव, किसान और आमजन के लिए गहरी संवेदना है।
गांधी की वाणी से प्रेरित दृष्टि
महात्मा गांधी ने कहा था— “भारत का भविष्य गाँवों में है।” मोदी जी ने इस सत्य को आत्मसात करते हुए ग्रामीण विकास को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला माना। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही उन्होंने गाँवों में सड़क, बिजली और पानी की सुविधाओं पर बल दिया और प्रधानमंत्री बनने के बाद इस दृष्टिकोण को और व्यापक रूप प्रदान किया।
ग्रामीण विकास : एक नया दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी जी ने विकास को केवल अवसंरचना तक सीमित न रखकर उसे समग्र उत्थान से जोड़ा। उनके विचार में ग्रामीण भारत तभी सशक्त होगा जब वहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी और सांस्कृतिक विकास समानांतर गति से होगा। इसी सोच से उन्होंने कृषि, पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालयों में बेहतर तालमेल स्थापित कर योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया।
आत्मनिर्भर भारत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
मोदी जी का मानना है कि गाँव तभी प्रगतिशील होंगे जब वे अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा करने में सक्षम होंगे। इसी सोच से उन्होंने कई पहल कीं—
- डेयरी और पशुपालन में योजनाएँ, जिससे दुग्ध उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि हुई।
- मत्स्य पालन और नीली क्रांति से मछुआरों को नए अवसर मिले।
- लघु उद्योग और मुद्रा योजना ने ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता की राह पर अग्रसर किया।
इन प्रयासों ने ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा दी।
सहकारिता मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाकर ग्रामीण विकास को नई दिशा दी। उनका “सहकार से समृद्धि” मंत्र किसानों, महिलाओं और युवाओं को संगठित कर आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है। मोदी के नेतृत्व में सहकारी समितियों का डिजिटलकरण, पारदर्शिता, दुग्ध उत्पादन, लघु उद्योग और महिला स्वयं सहायता समूहों को विशेष प्रोत्साहन मिला। इससे ग्रामीण भारत में रोजगार, आर्थिक वृद्धि और सामाजिक सशक्तिकरण को नई गति मिली है।
गाँवों तक पहुँची विकास की रोशनी
मोदी जी ने यह सुनिश्चित किया कि बुनियादी ढाँचे की किरणें हर गाँव तक पहुँचे—
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने दूरस्थ गाँवों को जोड़ा।
- डिजिटल इंडिया मिशन ने इंटरनेट व मोबाइल से ग्रामीण जीवन को आधुनिक बनाया।
- सौभाग्य योजना ने हर घर तक बिजली पहुँचाकर अंधकार मिटाया।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीबों को पक्के घर का सपना पूरा किया।
- जल जीवन मिशन ने हर घर नल से जल की सुविधा दी।
- स्वच्छ भारत अभियान ने गाँवों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाई।
सामाजिक सुरक्षा और सशक्तिकरण
मोदी जी की योजनाएँ केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना से भी प्रेरित हैं—
- किसान सम्मान निधि से किसानों को सीधी आर्थिक मदद।
- उज्ज्वला योजना से महिलाओं को धुएँ से मुक्त रसोई।
- पेंशन व कौशल विकास योजनाएँ से वृद्धों व युवाओं को सहारा।
इन पहलों ने ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में गहरा परिवर्तन लाया है।
ग्राम पंचायतों का सशक्तिकरण
मोदी जी का विश्वास है कि “गाँव तभी मजबूत होंगे, जब पंचायतें मजबूत हों।” इसी सोच के तहत ग्राम पंचायतों को अधिक अधिकार और संसाधन दिए गए, जिससे विकास की योजनाएँ जमीनी स्तर पर बन सकें और लागू हो सकें।
ग्रामीण विकास क्यों आवश्यक?
भारत की लगभग 65–70% आबादी गाँवों में रहती है। यदि गाँव पिछड़े रहेंगे तो राष्ट्र की समग्र प्रगति असंभव है। कृषि, पशुपालन और कुटीर उद्योग जैसे क्षेत्र ग्रामीण भारत की आत्मा हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाएँ बढ़ाकर ही गरीबी, पलायन और असमानता को समाप्त किया जा सकता है। मोदी जी की नीतियाँ इसी समावेशी और संतुलित विकास का आधार हैं।
आज जब हम प्रधानमंत्री मोदी जी का जन्मदिन मना रहे हैं, यह केवल शुभकामना का अवसर नहीं, बल्कि यह प्रेरणा का क्षण है। उनके नेतृत्व में गाँव आत्मनिर्भर, आधुनिक और प्रगतिशील बन रहे हैं। वास्तव में, एक विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब हर गाँव समृद्ध होगा। मोदी जी का ग्रामीण दृष्टिकोण हमें यह संदेश देता है कि राष्ट्र निर्माण की असली यात्रा गाँवों की गलियों से होकर जाती है।













