लखनऊ।
शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि मानदेय बढ़ाने से संबंधित आदेश का अनुपालन हर हाल में किया जाए। अगर आदेश का पालन नहीं होता है तो अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग को 27 अक्टूबर की अगली सुनवाई पर स्वयं अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा।
मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित है। शिक्षामित्र लगातार मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। पहले भी अदालत ने सरकार को उनके मानदेय में बढ़ोतरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक उस पर पूरी तरह से अमल नहीं हुआ। इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि आदेश का पालन टालने या अनदेखा करने का कोई विकल्प नहीं है।
हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि 27 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले अनुपालन का हलफनामा दाखिल किया जाए। यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा और स्पष्टीकरण देना होगा कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।
शिक्षामित्र संगठन ने कोर्ट के इस रुख का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से कम मानदेय पर काम करने की वजह से उन्हें भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। बढ़े हुए मानदेय से उन्हें राहत मिलेगी और परिवार का भरण-पोषण करना आसान होगा।
इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग पर दबाव बढ़ गया है। अब यह देखना होगा कि विभाग तय समयसीमा में अनुपालन करता है या फिर शीर्ष अधिकारी को कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।













