हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत ने रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। शनिवार को पहली बार रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण न केवल भारत की सामरिक क्षमता को और सशक्त करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत को रक्षा तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी साबित करता है।
रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि अग्नि प्राइम मिसाइल मध्यम दूरी की अगली पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे खासतौर से 2000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है। रेल से दागे जाने की क्षमता इसे और भी लचीला और खतरनाक बनाती है, क्योंकि अब यह किसी भी लोकेशन से मूविंग लॉन्चर के जरिए तैनात की जा सकेगी।
अग्नि प्राइम मिसाइल को अत्याधुनिक नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम से लैस किया गया है। इसमें ड्यूल इनर्शियल नेविगेशन, अत्यधिक सटीकता वाले सेंसर और उन्नत नियंत्रण तकनीक शामिल हैं। इन खूबियों की वजह से यह मिसाइल लक्ष्य पर बेहद सटीक वार करने में सक्षम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रेल से लॉन्च किए जाने का यह परीक्षण भारत की ‘मोबाइल स्ट्राइक कैपेबिलिटी’ को और अधिक मजबूत करेगा। इसका फायदा यह होगा कि मिसाइल को दुश्मन देशों की नज़र से दूर किसी भी सुरक्षित स्थान से गुपचुप तरीके से दागा जा सकता है।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम भारत की सामरिक निवारक क्षमता (Deterrence Capability) को नए स्तर पर ले जाएगा। इससे भारत न केवल अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करेगा, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सामरिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।
कुल मिलाकर, रेल से अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण भारत की रक्षा प्रणाली के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जो आने वाले समय में देश की सामरिक शक्ति को और भी अजेय बनाएगा।













