हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
जयपुर, 14 अक्टूबर (एजेंसी)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में 9,300 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता—को 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार करार दिया। शाह ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक बन जाएगी।
अमित शाह ने कहा कि अब देश के लोगों को समय पर, सरल और सुलभ न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों के तहत कई मामलों में न्याय में 25 से 30 साल तक की देरी होती थी, जिससे पीड़ितों को समय पर राहत नहीं मिलती थी। “अब इस व्यवस्था से मुक्ति मिलेगी,” उन्होंने कहा। शाह के अनुसार, नए कानून ‘ईज ऑफ जस्टिस’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होंगे, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ईज ऑफ लिविंग’ के लिए अनेक सुधार किए हैं।
गृह मंत्री ने बताया कि सरकार ने नई प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए देशभर में लाखों पुलिसकर्मियों, हजारों न्यायिक अधिकारियों, फोरेंसिक प्रयोगशालाओं और जेल कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप अदालतों में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की जरूरत कम होगी और डिजिटल प्रक्रियाओं से पारदर्शिता बढ़ेगी।
शाह ने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य दंड से अधिक न्याय पर केंद्रित प्रणाली बनाना है। नए कानूनों में ई-एफआईआर और जीरो एफआईआर जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं, जिससे शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया सरल और त्वरित हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले जहां आरोप पत्र समय पर दाखिल नहीं हो पाते थे, वहीं अब केवल एक वर्ष में 50 प्रतिशत से अधिक चार्जशीट्स समय पर दाखिल हो रही हैं। शाह ने विश्वास जताया कि अगले एक वर्ष में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी ‘नव विधान: न्याय की नई पहचान’ का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि ये कानून न केवल तकनीकी रूप से उन्नत हैं, बल्कि ये न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेंगे।
राजस्थान में विकास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए शाह ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ के तहत चार लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजस्थान में उद्योग, बुनियादी ढांचा और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे।
अमित शाह ने कहा, “इन नए कानूनों और विकास परियोजनाओं के माध्यम से भारत 21वीं सदी में न्याय, विकास और सुशासन का नया मानक स्थापित करेगा।”













