हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
दिवाली की आतिशबाजी और पराली जलाने के चलते उत्तर भारत के कई शहरों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। आगरा, अलीगढ़, मथुरा और दिल्ली समेत समूचे ब्रज क्षेत्र में मंगलवार सुबह धुंध की चादर छाई रही। ताजमहल तक धुंध में ढका नजर आया। हवा की गति धीमी रहने से प्रदूषण कण वातावरण में ही ठहर गए।
अलीगढ़-आगरा में AQI खतरनाक श्रेणी में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, अलीगढ़ में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 241 दर्ज किया गया, जबकि आगरा के संजय प्लेस क्षेत्र में यह 229 तक पहुंच गया। मथुरा के वृंदावन में AQI 133 दर्ज हुआ, जो खराब श्रेणी में आता है। दिल्ली का औसत AQI 351 दर्ज किया गया, जिससे राजधानी देश की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई।
दीपावली की रात बढ़ा प्रदूषण, बारूद से भरी हवा
अलीगढ़ में दीपावली की रात जमकर आतिशबाजी हुई। पीएम 10 की मात्रा 241 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकार्ड की गई, जो सामान्य सीमा से तीन गुना अधिक है। आतिशबाजी के धुएं और बारूद के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। सर सैयद नगर और एएमयू क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर क्रमशः 241 और 230 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि
पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं 10 दिन में बढ़कर 353 तक पहुंच गई हैं। तरनतारन और अमृतसर जिलों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। इससे दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ। इस पर भाजपा और आप के बीच राजनीतिक तकरार शुरू हो गई है। भाजपा ने पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया, जबकि आप ने पटाखा लॉबी पर कार्रवाई न करने के लिए केंद्र को घेरा।
ध्वनि प्रदूषण भी दोगुना बढ़ा
अलीगढ़ में दीपावली की रात कानफोड़ पटाखों से ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ा। साइलेंस जोन एएमयू में 61.08 डेसीबल, आवासीय क्षेत्र ज्ञानसरोवर कॉलोनी में 76.01 डेसीबल और कॉमर्शियल क्षेत्र सासनी गेट पर 83.63 डेसीबल शोर दर्ज हुआ। मानक रात में क्रमशः 40, 45 और 55 डेसीबल है।
लाखों की आतिशबाजी, करोड़ों की बिक्री
नुमाइश मैदान में पटाखों की बिक्री दिवाली से एक दिन पहले चरम पर रही। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उप्र के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप गंगा ने बताया कि इस बार लगभग 70 करोड़ रुपये की आतिशबाजी बिकी, जो पिछले वर्ष से 30% अधिक रही।
विशेषज्ञों की राय
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि “आतिशबाजी के कारण पीएम 10 का स्तर बढ़ा है, लेकिन हवा चलने से दो-तीन दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि इस बार वायु प्रदूषण 2023 की तुलना में कम है, परंतु 2024 से अधिक दर्ज हुआ है।
दिवाली की रौनक के बाद आगरा, अलीगढ़ और दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। वायु और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि से सांस, दमा और हृदय रोगियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यदि अगले कुछ दिनों में बारिश या तेज हवा नहीं चली तो स्मॉग का असर और गहराने की आशंका है।













