हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के अभियंताओं के वित्तीय अधिकारों में तीन दशक बाद बड़ी बढ़ोतरी की है। अब मुख्य अभियंता 10 करोड़ रुपये, अधीक्षण अभियंता 5 करोड़ रुपये और अधिशासी अभियंता 2 करोड़ रुपये तक के कार्य स्वीकृत कर सकेंगे। पहले यह सीमा क्रमशः 2 करोड़, 1 करोड़ और 40 लाख रुपये थी। इस फैसले से परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृति में होने वाली देरी खत्म होगी और अनुबंध प्रक्रिया तेज होगी।
वित्तीय अधिकारों का निर्धारण 1995 में हुआ था, जबकि निर्माण लागत में अब तक पांच गुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है। समीक्षा बैठक में बताया गया कि लागत 5.52 गुना बढ़ने के बावजूद अधिकार पुराने स्तर पर थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव से अधिकारियों की स्वायत्तता बढ़ेगी और छोटे कार्यों की स्वीकृति तेजी से हो सकेगी। साथ ही सहायक अभियंताओं को भी सीमित दायरे में टेंडर और छोटे कार्य स्वीकृत करने के अधिकार दिए जाएंगे।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अभियंता सेवा नियमावली 1990 में संशोधन के निर्देश दिए हैं। नई नियमावली के तहत विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग की सेवा संरचना, पदोन्नति व्यवस्था और वेतनमान पुनर्गठित किए जाएंगे। पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद बनाया गया है, जबकि मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पद भी बढ़ाए गए हैं। पदोन्नति और वेतनमान को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप पारदर्शी रूप से परिभाषित किया गया है।















