हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 25 अक्तूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंटरडिसिप्लिनरी विभाग, रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लीकेशन्स विभाग में “इमर्जिंग ऐपलीकेशंस ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी विद फिजिकल डेमोंस्ट्रेशन” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम इंडियन सोसाइटी ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईएसआरएस) अलीगढ़ चैप्टर के तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन सचिव प्रो. अकरम जावेद ने किया और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सत्र के उद्देश्य बताए। मुख्य वक्ता डॉ. हारिस हसन खान, अध्यक्ष, रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस एप्लीकेशन्स विभाग ने ड्रोन तकनीक के बढ़ते उपयोगों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ड्रोन आधुनिक जियोस्पेशियल डेटा अधिग्रहण, पर्यावरण निगरानी, प्रिसिशन कृषि, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और अवसंरचना मूल्यांकन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।
डॉ. खान ने ड्रोन की उच्च-रिजॉल्यूशन इमेजिंग, त्वरित मानचित्रण और वास्तविक समय डेटा विश्लेषण क्षमताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को ड्रोन तकनीक के विनियामक मानकों, सुरक्षा पहलुओं और रिमोट सेंसिंग प्लेटफॉर्म्स के साथ डेटा एकीकरण की प्रक्रिया समझाई।
कार्यक्रम की विशेषता लाइव ड्रोन डेमोंस्ट्रेशन रहा, जिसमें उड़ान योजना, हवाई डेटा संग्रहण और पोस्ट-प्रोसेसिंग की तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थियों ने मानचित्रण, भू-आकृति मॉडलिंग और वनस्पति विश्लेषण में ड्रोन के उपयोग को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
समापन सत्र में प्रो. काजी मजहर अली, अध्यक्ष, आईएसआरएस अलीगढ़ चैप्टर ने कहा कि ड्रोन तकनीक जियोस्पेशियल साइंसेज में परिवर्तनकारी भूमिका निभा रही है। उन्होंने विभाग के नवाचारोन्मुख प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का समापन डॉ. रिजवान अहमद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।















