1. एएमयू प्रोफेसर इजहारुल हक फारूकी का ‘वेस्ट मैनेजमेंट 2025’ में मुख्य व्याख्यान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर इजहारुल हक फारूकी ने मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘वेस्ट मैनेजमेंट 2025’ में मुख्य व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में कई देशों के विशेषज्ञों और प्रमुख आईआईटी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने “प्री-ट्रीटमेंट ऑफ स्लज: ए सस्टेनेबल एंड रिन्यूएबल एनर्जी रिकवरी अप्रोच” विषय पर बोलते हुए नगरपालिकाओं एवं औद्योगिक इकाइयों में अपशिष्ट जल शोधन से उत्पन्न बड़े पैमाने के स्लज प्रबंधन पर चर्चा की। इस प्रक्रिया पर होने वाले भारी खर्च, पर्यावरणीय चुनौतियों और तकनीकी बाधाओं को समझाते हुए उन्होंने स्लज से मीथेन गैस निकालने की किफायती तकनीकों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यदि नगरपालिकाएं और उद्योग इस ऊर्जा को कैप्चर कर उपयोग करें तो यह न केवल कचरा प्रबंधन की लागत घटा सकता है बल्कि एक टिकाऊ, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भी बन सकता है। उनके व्याख्यान को सम्मेलन में विशेष रूप से सराहा गया।
2. एएमयू फार्माकोलॉजी विभाग का 55वीं आईपीएस वार्षिक कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शन
चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में आयोजित इंडियन फार्माकॉलॉजिकल सोसाइटी की 55वीं वार्षिक कांफ्रेंस में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सैयद जिया-उर-रहमान के नेतृत्व में नौ पीजी विद्यार्थियों का दल सम्मेलन में गया और विभिन्न वैज्ञानिक पोस्टर प्रस्तुत किए।
डॉ हेसनम सुप्रिया, डॉ रजत गुप्ता, डॉ अल्फिया तहरीन सहित नौ प्रतिभागियों ने आधुनिक उपचार पद्धतियों, दवा-शोध तकनीकों और एनालिटिकल फार्माकोलॉजी पर अपने शोध प्रस्तुत किए, जिन्हें विधिक कठोरता, शोध-पद्धति और वैज्ञानिक अभिव्यक्ति के लिए सराहना मिली।
कॉन्फ्रेंस में आयोजित फार्माकोलॉजी क्विज में भी उन्होंने भाग लिया, जहां दवा-सुरक्षा नियमों, बुनियादी व क्लिनिकल फार्माकोलॉजी के ज्ञान का परीक्षण हुआ।
विभागाध्यक्ष प्रो. जिया-उर-रहमान को फार्माकोलॉजी शिक्षा, शोध और सामाजिक योगदान के लिए ‘फेलोशिप ऑफ द इंडियन फार्माकॉलॉजिकल सोसाइटी’ से सम्मानित किया गया तथा उन्होंने एक वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता भी की।
3. कोलकाता अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में सुन्नी थियोलॉजी विभाग के दो शिक्षकों का शोध प्रस्तुत
वर्ल्ड फोरम फॉर इस्लामिक लिट्रेचर द्वारा आयोजित 41वें अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में एएमयू के सुन्नी थियोलॉजी विभाग के दो शिक्षकों ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। यह कार्यक्रम हज हाउस, कोलकाता में हुआ और पश्चिम बंगाल उर्दू अकादमी के सहयोग से आयोजित किया गया।
डॉ नदीम अशरफ ने मौलाना उबैदुल्लाह अल-आबिदी सुहरावर्दी की जीवनी, उनके विद्वतापूर्ण योगदान तथा उनके सुधारवादी विचारों पर विस्तृत शोध-पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मौलाना सुहरावर्दी ने पारंपरिक इस्लामी शिक्षा को आधुनिक विचारधाराओं के साथ जोड़ने का सफल प्रयास किया।
डॉ मोहम्मद नासिर ने मौलाना अब्दुर रशीद नोमानी पर शोध-पत्र पढ़ा, जिसमें उन्हें बहुमुखी विद्वान और उत्कृष्ट शिक्षक बताया गया, जिनके शिष्य देश के अनेक भागों में शैक्षिक संस्थान चलाते रहे। उन्होंने कहा कि मौलाना नोमानी ने नैतिकता और दीन-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. एएमयू महिला अध्ययन केंद्र में ‘महिलाओं के विरुद्ध हिंसा समाप्ति’ पर कार्यशाला
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एएमयू के एडवांस्ड सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज ने “महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की समाप्ति: संयुक्त राष्ट्र की भूमिका, चुनौतियाँ और उपलब्धियाँ” विषय पर कार्यशाला आयोजित की।
मुख्य व्याख्यान प्रोफेसर मिर्जा असमर बेग ने दिया, जिन्होंने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के वैश्विक और राष्ट्रीय आयामों का विश्लेषण किया। डॉ तहसीन रजा ने टेक्नो-फेमिनिज्म और शासन, सुरक्षा एवं जेंडर असमानताओं के संदर्भ में इसके महत्व को समझाया।
डॉ शाजिया फारूक फाजली ने स्वास्थ्य, जेंडर और साहित्य के अंतर्संबंधों पर चर्चा की। डॉ अंदलीब ने घरेलू व सामाजिक हिंसा के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में शोधकर्ता डॉ साद जफर को “रिसर्चर ऑफ इंटीग्रिटी” पुरस्कार मिला। कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।
5. एएमयू कृषि सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग द्वारा ‘एएमआर अवेयरनेस प्रोग्राम’
एएमयू के एग्रीकल्चरल माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी इंडिया और डीबीटी के सहयोग से ‘वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस अवेयरनेस प्रोग्राम’ आयोजित किया।
कार्यक्रम की निगरानी विभागाध्यक्ष प्रो. इकबाल अहमद ने की। मुख्य अतिथि प्रो. ए.एम. देशमुख ने रेकॉर्डेड संदेश भेजकर एएमयू के वैज्ञानिक योगदान की प्रशंसा की।
शोधार्थियों शरजील अहमद सिद्दीकी, सदफ खान और दिव्या वाष्र्णेय ने प्रस्तुतियाँ दीं, जिसके बाद पोस्टर और क्विज प्रतियोगिता हुई। लगभग 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
समारोह में एएमआर जागरूकता, पर्यावरणीय प्रभाव, मानव स्वास्थ्य और शोध प्रगति पर जोर दिया गया।
6. एएमयू शोधार्थी उजमा आफरीन ने ‘वेस्टर्न कॉन्फ्रेंस ऑन लिंग्विस्टिक्स 2025’ में शोध प्रस्तुत किया
लिंग्विस्टिक्स विभाग की पीएचडी शोधार्थी उजमा आफरीन ने बुडापेस्ट से ऑनलाइन आयोजित वेस्टर्न कॉन्फ्रेंस ऑन लिंग्विस्टिक्स 2025 में अपना शोध प्रस्तुत किया।
उनका विषय था — “लैंग्वेज एंड पेडागॉजिकल स्ट्रैटेजीज इन डेवलपिंग क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स: ए सिस्टेमैटिक रिव्यू (2015–2025)”, जिसमें उन्होंने भाषा की भूमिका, शिक्षा-रणनीतियों और विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच विकसित करने के तरीकों का विश्लेषण किया।
उनका शोध स्टेट कैलिफोर्निया कांफ्रेंस की कार्यवाही में प्रकाशित होगा।
7. प्रोफेसर उजमा फिरदौस—पीडियाट्रिक्स विभाग की नई अध्यक्ष
प्रोफेसर उजमा फिरदौस को जेएन मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक्स विभाग का नया विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके पास 18 वर्ष का शिक्षण अनुभव है।
एमबीबीएस और एमडी में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली प्रो. फिरदौस नवजात विज्ञान और विकासात्मक पीडियाट्रिक्स की विशेषज्ञ हैं।
उनके 40 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं और तीन पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्हें ‘प्रोफेसर आर.एस. दयाल गोल्ड मेडल’, ‘डॉ हादी हसन मेमोरियल मेडल’ और ‘फाइजर अवॉर्ड’ जैसे सम्मान प्राप्त हैं। वह NALS और PALS की प्रमाणित प्रशिक्षक भी हैं।
8. अरिदमिया पर विशेष कार्यशाला — आठ रोगियों का सफल एब्लेशन
एएमयू के जेएनएमसी कार्डियोलॉजी विभाग में अरिदमिया पर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका संचालन डॉ अविनाश वर्मा (बीएलके मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली) ने किया।
उन्होंने इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल स्टडीज करते हुए आठ मरीजों का सफल रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन किया। इससे मरीजों को पुरानी धड़कन संबंधी समस्याओं से राहत मिली।
डॉ वर्मा ने बताया कि अब 3डी मैपिंग-गाइडेड एब्लेशन से कई जटिल अरिदमिया का भी सफल इलाज संभव है। विभागाध्यक्ष प्रो. आसिफ हसन ने आधुनिक तकनीकों की उपलब्धता से बढ़ती सफलता दर पर खुशी जताई।
9. शिया थियोलॉजी विभाग में शैक्षणिक संवाद
शिया थियोलॉजी विभाग में डॉ असगर एजाज की अध्यक्षता में शैक्षणिक संवाद हुआ।
विशेष अतिथि मौलाना सैयद एहतेशाम अब्बास जैदी (कुम, ईरान) ने आधुनिक चुनौतियों के बीच ज्ञान के व्यवहारिक उपयोग पर जोर दिया।
डॉ रजा अब्बास ने मदरसा मॉडल बनाम आधुनिक शिक्षा पर चर्चा की। डॉ हादी रजा ने शिक्षा के जीवनशैली पर प्रभाव पर बात की। डॉ फैयाज हैदर ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व पर बल दिया।
कार्यक्रम में अनेक शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
10. एएमयू दंत चिकित्सक टीम का 46वीं आईएसपीपीडी कॉन्फ्रेंस में भाग
एएमयू के डेंटल कॉलेज की पेडियाट्रिक एवं प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री टीम ने भुवनेश्वर में 46वीं आईएसपीपीडी राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया।
प्रो. दिव्या संजय शर्मा ने बच्चों के दांतों में सुरक्षित ब्लीचिंग तकनीकों पर व्याख्यान दिया।
पीजी छात्रों ने विभिन्न विषयों पर शोध प्रस्तुत किए। डॉ धनश्री जैन को “बेस्ट पोस्टर ऑफ द सेशन” पुरस्कार मिला।
11. एएमआर अवेयरनेस वीक — एएमयू में कार्यक्रम
एएमआर अवेयरनेस वीक के तहत एएमयू में कई जागरूकता कार्यक्रम हुए।
उद्घाटन प्रो. एस. मनाजिर अली ने किया। प्रो. असद यू. खान ने बताया कि 2050 तक एएमआर से हर साल एक करोड़ मौतें हो सकती हैं।
तकनीकी सत्र में प्रो. इकबाल अहमद, प्रो. फातिमा खान और डॉ जाफर अली आब्दी ने एएमआर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
दूसरे दिन आशा कार्यकर्ताओं के साथ TB और MDR-TB पर चर्चा हुई।
तीसरे दिन पोस्टर, नारा व वीडियो प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिनमें कई छात्र पुरस्कार विजेता बने।
12. एएमयू–फोर्टिस एस्कॉर्ट्स सहयोग पर उच्चस्तरीय चर्चा
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल के उपाध्यक्ष डॉ विक्रम अग्रवाल ने एएमयू का दौरा किया और कुलपति प्रो. नइमा खातून से मुलाकात की।
उद्देश्य था — एएमयू कर्मचारियों के लिए बेहतर रेफरल चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करना और दोनों संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करना।
उन्होंने जेएनएमसी के एनेस्थीसियोलॉजी विभाग में “एनेस्थीसियोलॉजिस्ट ऐज अ हेल्थकेयर लीडर” पर व्याख्यान भी दिया।
कार्यक्रम में डीन, प्रिंसिपल और कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
13. कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट्स का राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन
एम्स, नई दिल्ली में आयोजित एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया सम्मेलन में जेएनएमसी के तीन रेजिडेंट्स ने पुरस्कार जीते।
डॉ सैयद सोहैब हाशमी को HIV संक्रमित व्यक्तियों में आहार विविधता पर शोध के लिए पहला स्थान मिला।
डॉ दानिश कमाल को किशोर स्वास्थ्य सत्र में तीसरा पुरस्कार मिला।
डॉ रिया को वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य पर शोध के लिए तीसरा पुरस्कार मिला।
विभागाध्यक्ष प्रो. उजमा इरम ने सभी को बधाई दी।
















