हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
मनरेगा का नाम बदला, नई योजना में पारदर्शिता और मुआवजे का प्रावधान
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद ‘जी राम जी’ बिल अब विधिवत कानून बन गया है। इसके साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ कर दिया गया है। सरकार का दावा है कि यह बदलाव केवल नाम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मजदूरों के हित में कई बड़े और संरचनात्मक सुधार किए गए हैं। सबसे अहम बदलाव यह है कि अब ग्रामीण कामगारों को 100 दिनों की जगह 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी मिलेगी।
125 दिन का रोजगार और बेरोजगारी भत्ता
नए कानून के तहत जी राम जी योजना में काम मांगने पर 125 दिन तक रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। यदि समय पर काम नहीं मिलता है, तो मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने की भी कानूनी गारंटी होगी। इसके अलावा मजदूरी भुगतान में देरी होने पर मुआवजा देने का प्रावधान जोड़ा गया है, जिससे श्रमिकों को आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े।
मनरेगा में थीं खामियां: शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा में कई गंभीर कमियां थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी योजना में पारदर्शिता की कमी थी, मशीनों से काम कराया जाता था और भुगतान मजदूरों के नाम पर ठेकेदारों तक पहुंच जाता था। उनके अनुसार, जी राम जी योजना में इन कमियों को दूर किया गया है और धन के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं।
ग्राम सभा को मिलेगा अधिक अधिकार
नई योजना में ग्राम सभा और पंचायतों को यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि गांव में किन-किन कार्यों की जरूरत है। इससे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार काम तय हो सकेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यकता के अनुरूप स्टाफ की तैनाती की जाएगी।
लोकसभा में दिए गए सभी जवाब
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जी राम जी योजना पर लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई और सभी सवालों के जवाब दिए गए। सरकार का दावा है कि यह कानून ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को अधिक मजबूत, पारदर्शी और मजदूर-केंद्रित बनाएगा।













