हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
लखनऊ, 16 अप्रैल — बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी संगठन की समीक्षा करना और कार्यकर्ताओं को कड़े निर्देश देना रहा।
बैठक में मायावती ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी को मज़बूत करने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली 2 मार्च को हुई बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है और जिन क्षेत्रों में कमियाँ सामने आई हैं, उन्हें जल्द सुधारने का निर्देश दिया गया है।
कार्यकर्ताओं की तारीफ, संगठनात्मक ऊर्जा पर जोर
मायावती ने इस दौरान बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 14 अप्रैल और कांशीराम जी की 15 मार्च की जयंती को मिशनरी जोश से मनाने के लिए कार्यकर्ताओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इससे पार्टी को नई ऊर्जा मिली है और मूवमेंट को मजबूती भी।
आकाश आनंद की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल
इस बड़ी बैठक में जिस बात ने सबसे अधिक ध्यान खींचा, वह थी पार्टी के पूर्व महासचिव और मायावती के भतीजे आकाश आनंद की अनुपस्थिति। हाल ही में मायावती ने बयान दिया था कि उन्होंने आकाश को माफ कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी बैठक में गैरमौजूदगी ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया है। न तो बैठक में उनके बारे में कोई चर्चा हुई और न ही उन्हें भविष्य में कोई जिम्मेदारी देने के संकेत मिले हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या आकाश आनंद की पार्टी में भूमिका सीमित रह जाएगी या वे भविष्य में दोबारा सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
बीजेपी पर साधा निशाना, ट्रंप टैरिफ का किया जिक्र
बैठक के दौरान मायावती ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि “डबल इंजन सरकार” का ध्यान सिर्फ कुछ खास वर्गों और इलाकों तक सीमित है। इसके विपरीत, बीएसपी की सरकार में सभी वर्गों की भलाई का ध्यान रखा गया था।
मायावती ने देश की आर्थिक स्थिति पर भी टिप्पणी की और कहा कि भारत ‘ट्रंप टैरिफ’ जैसे वैश्विक दबावों से जूझ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से संकीर्ण राजनीति छोड़ने और देश में शांति और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील की।
बीएसपी की यह बैठक कई मायनों में अहम रही। जहां एक ओर मायावती ने पार्टी संगठन को सशक्त करने की दिशा में कड़े कदम उठाने के संकेत दिए, वहीं आकाश आनंद की गैरहाजिरी ने पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को लेकर नए सस्पेंस को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति और आंतरिक राजनीति पर नजरें टिकी रहेंगी।