हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 2 मई : 2025,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को आंध्र प्रदेश और केरल के दौरे पर हैं, जहां वे देश की आधारभूत संरचना को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली कई परियोजनाओं की सौगात देंगे। इस अवसर पर वे कुल 58,000 करोड़ रुपये की 94 परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
अमरावती में ग्रीनफील्ड राजधानी के पुनर्निर्माण की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी आंध्र प्रदेश की ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती में 49,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 74 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- विधानसभा भवन
- सचिवालय भवन
- उच्च न्यायालय परिसर
- न्यायिक आवासीय क्वार्टर
इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र के पुनर्निर्माण को गति देना और शासन-संरचना को सशक्त बनाना है।
डीआरडीओ मिसाइल परीक्षण केंद्र और अन्य केंद्रीय परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी 5,028 करोड़ रुपये की 9 केंद्रीय परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- नागयालंका (कृष्णा जिला) में डीआरडीओ का मिसाइल परीक्षण केंद्र, जिसकी अनुमानित लागत 1,460 करोड़ रुपये है।
इसमें एक प्रक्षेपण केंद्र, रडार, टेलीमेट्री, और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम विकसित किए जाएंगे, जो भारत की रक्षा तैयारियों को मज़बूती देंगे। - विशाखापट्टनम में यूनिटी मॉल का निर्माण
- गुंटकल-मल्लप्पा गेट रेल ओवरब्रिज
राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे परियोजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री मोदी आंध्र प्रदेश में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण
- सड़क ओवर ब्रिज और सबवे का निर्माण
इसके अलावा वे कई रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे, जिनका उद्देश्य राज्य में कनेक्टिविटी और यातायात क्षमता को बढ़ाना है:
- बुग्गनपल्ले सीमेंट नगर से पन्यम तक रेल लाइन का दोहरीकरण
- रायलसीमा और अमरावती के बीच बेहतर रेल संपर्क
- विजयवाड़ा और न्यू वेस्ट ब्लॉक हट केबिन के बीच तीसरी रेल लाइन
केरल को मिला देश का पहला कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार देर रात केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां शुक्रवार को वे 8,867 करोड़ रुपये की लागत से बने विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करेंगे। यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट होगा।
इस बंदरगाह का उद्देश्य:
- भारत की समुद्री व्यापार स्थिति को सशक्त बनाना
- विदेशी ट्रांसशिपमेंट पोर्ट्स पर निर्भरता कम करना
- रसद लागत और समय की बचत सुनिश्चित करना है।
विझिनजाम पोर्ट के उद्घाटन से भारत के समुद्री क्षेत्र में एक बड़ी परिवर्तनकारी पहल का आगाज होगा।