हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 5 मई : 2025,
वक्फ (संशोधन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला देशभर में सुर्खियों में है और मुस्लिम समुदाय इस कानून का पुरजोर विरोध कर रहा है।
मामले की पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा था। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया था कि अगली सुनवाई तक वक्फ बोर्ड में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक रहेगी।
केंद्र सरकार ने क्या कहा अपने हलफनामे में?
केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में 1332 पन्नों का हलफनामा दायर किया। इसमें कहा गया कि वक्फ संशोधन कानून पूरी तरह संवैधानिक है क्योंकि इसे संसद ने पारित किया है।
सरकार का यह भी दावा है कि 2013 के बाद से वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ से ज्यादा इजाफा हुआ है। साथ ही यह बताया गया कि वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण 1923 से ही अनिवार्य है।
मुस्लिम संगठनों की आपत्ति और विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सरकार के आंकड़ों को झूठा करार दिया है और कोर्ट से झूठा हलफनामा देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कुल 5 याचिकाकर्ताओं ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आज की सुनवाई को देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट पर हैं। संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
सरकार का दावा: धार्मिक प्रथाओं का हो रहा सम्मान
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का कहना है कि वक्फ (संशोधन) कानून 2025 मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं का पूरा सम्मान करता है और इसमें किसी भी प्रकार की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं किया गया है।













