हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को आयोजित ‘अहिल्याबाई होलकर स्मृति अभियान कार्यशाला’ का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने महारानी अहिल्याबाई होलकर को नमन करते हुए कहा कि वे धर्मो रक्षति रक्षितः की साक्षात प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने न सिर्फ सनातन धर्म की पुनर्स्थापना की, बल्कि महिला स्वावलंबन का भी मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने अपने शासनकाल में जो कार्य किए, वे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने न्याय, धर्म और संस्कृति की स्थापना को अपना लक्ष्य बनाया और अपने व्यक्तिगत संसाधनों से भारत के कई प्राचीन मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया।
“महारानी अहिल्याबाई ने सत्ता संभालते समय ही कहा था कि उनका मार्ग धर्म और न्याय का मार्ग होगा। उन्होंने मालवा के माध्यम से सनातन को पूरे भारत में पुनः स्थापित किया।”
सोमनाथ और काशी विश्वनाथ जैसे धरोहरों का पुनर्निर्माण कराया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि औरंगजेब के काल में नष्ट हुए काशी विश्वनाथ मंदिर को महारानी अहिल्याबाई ने फिर से पुनर्स्थापित किया। इसके अतिरिक्त सोमनाथ मंदिर, जिसे महमूद गजनवी ने 1000 वर्ष पहले ध्वस्त किया था, उसका पुनर्निर्माण भी अहिल्याबाई ने अपने निजी धन से करवाया। इसी प्रकार केदारनाथ धाम जैसे तीर्थस्थलों का भी उन्होंने पुनरुद्धार कराया, जो उस कालखंड में अत्यंत कठिन कार्य था।
घाटों का निर्माण और महिला स्वावलंबन की दिशा में योगदान
कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि रानी अहिल्याबाई ने देश की प्रमुख नदियों के घाटों का पक्का निर्माण कराया। यह कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने महिला स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं, जो उस समय में क्रांतिकारी कदम था।
महाकुंभ और पर्यटन का उल्लेख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका है, जिससे सनातन संस्कृति को वैश्विक पहचान मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ के अवसर पर उत्तर प्रदेश में पर्यटन में वृद्धि हुई है और देश-विदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में भारत आ रहे हैं। यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विरासत का प्रमाण है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं की सहभागिता
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षाविद, इतिहासकार, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यशाला का उद्देश्य अहिल्याबाई होलकर के जीवन और कार्यों से नई पीढ़ी को जोड़ना और उनके आदर्शों को वर्तमान समाज में लागू करना है।