हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में केंद्र सरकार ने बुंदी से गर्ब्यांग के बीच 5.4 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस सुरंग से आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा का मार्ग 22 किलोमीटर छोटा और अधिक सुरक्षित होगा। लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना धार्मिक पर्यटन और सामरिक दृष्टि दोनों से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने बताया कि सुरंग छियालेख की पहाड़ी पर बनेगी, जहां सड़क की स्थिति काफी खराब है। सुरंग निर्माण से बड़े वाहनों की आवाजाही आसान हो जाएगी और यात्रा का समय भी घटेगा। फिलहाल धारचूला से लिपुलेख सड़क का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि छियालेख का हिस्सा सबसे चुनौतीपूर्ण है। बरसात में भूस्खलन और मलबा गिरने से रास्ता अक्सर बंद हो जाता है।
सुरंग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) लगभग तैयार है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। प्रभावित लोगों को 137 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया है, जिसमें से 60 प्रतिशत राशि वितरित की जा चुकी है। यह परियोजना सामरिक रूप से भी अहम है, क्योंकि यह मार्ग चीन और नेपाल सीमा के नजदीक है, जहां सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की तैनाती है।
सुरंग बनने से गर्ब्यांग, गुंजी, नाबी, कुटी जैसे छह सीमांत गांवों के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा और बाजार तक बेहतर पहुंच मिलेगी। साथ ही, आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। यह सुरंग उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में विकास का नया अध्याय लिखेगी।

















