हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 9 अगस्त:
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने 6 अगस्त 2025 को विश्वविद्यालय अधिकारियों और छात्र प्रतिनिधियों के बीच हुई विचार-विमर्श बैठक के बाद दो अलग-अलग जांच समितियों का गठन किया है। इन समितियों का उद्देश्य छात्रों की शिकायतों और चिंताओं पर समयबद्ध कार्रवाई करना है।
पहली समिति – फीस वृद्धि पर जांच
पहली समिति का गठन 2025–26 सत्र में कंटिन्यूइंग विद्यार्थियों की फीस वृद्धि से संबंधित छात्रों की आपत्तियों और चिंताओं की जांच के लिए किया गया है। छात्रों का कहना है कि अचानक हुई फीस वृद्धि उनके आर्थिक बोझ को बढ़ा रही है और इस पर विश्वविद्यालय को पारदर्शी स्पष्टीकरण देना चाहिए। इस समिति में निम्न सदस्य शामिल हैं –
- प्रो. बी.पी. सिंह – भौतिकी विभाग
- प्रो. फ़रुख़ अरजमंद – रसायन विभाग
- प्रो. एम. अस्मर बेग – राजनीति विज्ञान विभाग (संयोजक)
यह समिति छात्रों से फीडबैक लेने, फीस संरचना की समीक्षा करने और यथासंभव समाधान सुझाने का कार्य करेगी।
दूसरी समिति – कथित दुर्व्यवहार की जांच
दूसरी समिति का गठन 4 अगस्त 2025 को बाब-ए-सैयद पर घटी घटना की जांच के लिए किया गया है, जिसमें प्रॉक्टोरियल स्टाफ के कुछ सदस्यों पर कुछ छात्राओं ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। शिकायत मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। इस समिति में शामिल सदस्य हैं –
- प्रो. बदरुदुजा ख़ान – प्राचार्य, ए.के.टी.सी.
- प्रो. शाहीन – प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग
- प्रो. अबिद अली ख़ान – यांत्रिक अभियंत्रण विभाग (संयोजक)
रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा
विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों समितियों को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई समय पर की जा सके। एएमयू प्रशासन का कहना है कि वह छात्र-हित और विश्वविद्यालय की अनुशासन व्यवस्था दोनों के प्रति प्रतिबद्ध है।
इन समितियों के गठन से उम्मीद जताई जा रही है कि छात्रों की चिंताओं को दूर करने और विवादित घटनाओं पर पारदर्शी व न्यायसंगत निर्णय लेने की दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।