हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
1. वीमेंस कॉलेज में 21-दिवसीय हस्तशिल्प क्रैश कोर्स सफलतापूर्वक संपन्न
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कॉलेज स्थित सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग में आयोजित 21-दिवसीय “हस्तशिल्प क्रैश कोर्स” उत्साह और रचनात्मकता के माहौल में पूर्ण हुआ। इस कोर्स का उद्देश्य छात्राओं को आधुनिक और पारंपरिक हस्तकला का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें उद्यमशीलता की दिशा में प्रेरित करना था।
इस अवधि में छात्राओं को लैंप निर्माण, साबुन और मोमबत्ती बनाना, बुक कवर डिजाइन, वॉल हैंगिंग तैयार करना तथा फैशन ज्वेलरी बनाना जैसी अनेक कलाओं में प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम की प्रशिक्षक और गेस्ट फैकल्टी, डॉ. अतिया परवीन ने टिकाऊ एवं पर्यावरण-अनुकूल सामग्री के उपयोग पर विशेष जोर दिया।
प्राचार्या एवं सेंटर निदेशक प्रो. मसूद अनवर अलवी ने कहा कि हस्तकला सीखना केवल कला अर्जित करना नहीं, बल्कि एक संभावित व्यवसाय को जन्म देने जैसा है। कार्यक्रम ने छात्रों की कौशल क्षमता, आत्मविश्वास और भविष्य की संभावनाओं को नई दिशा प्रदान की।
2. जेएन मेडिकल कॉलेज में उन्नत टीसीआई तकनीकों पर विशेषज्ञ व्याख्यान
एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसियोलॉजी विभाग में यूनाइटेड किंगडम के रॉयल स्टोक हॉस्पिटल एनएचएस ट्रस्ट में कंसल्टेंट एनेस्थीसियोलॉजिस्ट, डॉ. दानिश सिद्दीकी ने “टार्गेट-कंट्रोल्ड इन्फ्यूजन फॉर जनरल एनेस्थीसिया” विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया।
उन्होंने टीसीआई को टोटल इंट्रावीनस एनेस्थीसिया की एक उन्नत तकनीक बताया, जो फार्माकोकिनेटिक मॉडल के माध्यम से रोगियों में दवाओं की सटीक सांद्रता नियंत्रित करती है। लाभों में तेज़ रिकवरी, बेहतर हेमोडायनेमिक स्थिरता और कम दवा खर्च शामिल हैं।
व्याख्यान के बाद ऑपरेशन थिएटर में लाइव डेमो आयोजित हुआ, जो छात्र-शिक्षकों के लिए दुर्लभ अनुभव रहा। विभागाध्यक्ष प्रो. हम्माद उस्मानी और फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन, प्रो. मोहम्मद खालिद ने इसे विभाग की शैक्षणिक उन्नति में अहम बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. फराह नसरीन ने किया।
3. डॉ. सायमा यूनुस खान ने आईडीए यूपी कार्यक्रम में ‘अर्ली चाइल्डहुड कैरीज’ पर मुख्य व्याख्यान दिया
डॉ. ज़ेड. ए. डेंटल कॉलेज, एएमयू की प्रोफेसर और चेयरपर्सन, डॉ. सायमा यूनुस खान ने इंडियन डेंटल एसोसिएशन यूपी स्टेट प्रोग्राम में बच्चों में बढ़ती दंत समस्याओं पर विशेष व्याख्यान दिया।
उन्होंने बताया कि देश में छह वर्ष से कम उम्र के लगभग 50% बच्चे अर्ली चाइल्डहुड कैरीज से पीड़ित हैं, जिससे दर्द, सूजन, बुखार और स्कूल अनुपस्थिति जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
उन्होंने अपने विकसित किए हुए “इंडियन कैरीज रिस्क असेसमेंट टूल” की भी चर्चा की, जो भारत सरकार के तहत कॉपीराइटेड है और बच्चों में जोखिम मूल्यांकन के लिए उपयोगी है।
सत्र में विभाग की रेजिडेंट टीम – डॉ. फसना, डॉ. हिमानी, डॉ. अनम और डॉ. एल्सी – ने भी उन्नत बच्चों की दंत प्रबंधन तकनीकों पर महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं।
4. हादी हसन हॉल में प्रो. रणदीप गुलेरिया का संवाद सत्र
एआईआईएमएस के पूर्व निदेशक, प्रो. रणदीप गुलेरिया ने एएमयू के हादी हसन हॉल में एक प्रेरक संवाद सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने कोविड-19 महामारी के अपने अनुभव, आधुनिक चिकित्सा की चुनौतियों और कैरियर के प्रति समर्पण पर जोर दिया। छात्रों ने उनसे अनेक प्रश्न पूछे जिनका उन्होंने उत्साहपूर्वक उत्तर दिया।
कार्यक्रम में प्रो. मोहम्मद अथर अंसारी, प्रो. मोहम्मद शमीम, डॉ. एस. एम. ए. वसीम, डॉ. जमील अहमद, डॉ. सुहैलुर रहमान, डॉ. अल्तमाश, यजदानी पासा और मोहम्मद साद सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।
सत्र का आयोजन फराज अहमद और उनकी स्वयंसेवक टीम ने सफलतापूर्वक किया।
5. इतिहास विभाग के CAS में प्रो. अनिंदिता घोष का लेक्चर
सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी (CAS), इतिहास विभाग में प्रो. अनिंदिता घोष ने “द मेनी वेज ऑफ कंज्यूमिंग टेक्स्ट्स इन द एज ऑफ प्रिंट इन साउथ एशिया” विषय पर आकर्षक लेक्चर दिया।
उन्होंने उन्नीसवीं सदी के बंगाल में मुद्रण संस्कृति, मौखिक परंपराओं, सार्वजनिक पठनों, कथक और दृश्य संस्कृति की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. गुलरुख खान और प्रो. हसन इमाम ने किया, जबकि समाप्ति पर प्रो. एस. ए. नदीम रेजावी ने विचार साझा किए।
सत्र की सफलता में डॉ. सना आजीज, डॉ. लुबना इरफान और डॉ. तौसीफ अहमद का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
6. फाइन आर्ट्स विभाग में वन-डे ओपन-एयर आर्ट प्रदर्शनी
एएमयू फाइन आर्ट्स विभाग में एमवीए प्रथम सत्र के विद्यार्थियों की कलाकृतियों की ओपन-एयर प्रदर्शनी आयोजित की गई।
प्रदर्शनी में स्केच, लैंडस्केप, एब्स्ट्रैक्ट, मिक्स्ड मीडिया, पोर्ट्रेट तथा समकालीन विषयों पर आधारित पेंटिंग्स शामिल थीं।
डॉ. आबिद हादी (अध्यक्ष) और डीन, प्रो. टी. एन. सतीसन ने विद्यार्थियों की रचनात्मकता की सराहना की।
प्रदर्शनी ने छात्रों को सार्वजनिक मंच पर अपनी कला प्रस्तुत करने, संवाद और आलोचना से सीखने का बहुमूल्य अवसर दिया।
7. प्रो. शंभुनाथ तिवारी का व्याख्यान – भारत की बहुभाषिक परंपरा पर प्रकाश
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में एएमयू हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर शंभुनाथ तिवारी ने संस्कृत, हिन्दी और उर्दू को भारतीय सभ्यता का त्रिकोण बताया।
उन्होंने कहा कि भाषाएँ भिन्न हो सकती हैं, परंतु भाव एक होते हैं – यही भारतीय सांस्कृतिक सौहार्द की पहचान है।
उन्होंने अनुवाद परंपरा और विभिन्न भाषाओं के रचनात्मक सहयोग को भारतीय सांस्कृतिक शक्ति का प्रमुख स्तंभ बताया।
8. प्रो. एम. शाहुल हमीद कार्यकारी परिषद के सदस्य नियुक्त
एएमयू मल्लापुरम सेंटर के निदेशक प्रो. एम. शाहुल हमीद को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है।
उनका कार्यकाल तीन वर्ष या निदेशक पद पर रहते हुए निर्धारित अवधि तक रहेगा।
यह नियुक्ति उनके वरिष्ठ प्रशासनिक अनुभव और उत्कृष्ट योगदान को दर्शाती है।















