1. एएमयू भूविज्ञान विभाग — विश्व GIS दिवस राष्ट्रीय संगोष्ठी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग में विश्व जीआईएस दिवस पर “जियो-एआई और स्मार्ट मैपिंग से सतत कल की ओर” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई। कुलपति प्रो. नइमा खातून ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। विभाग अध्यक्ष प्रो. राशिद उमर ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ. समीर सरन (राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर) रहे, जबकि डॉ. अमृता बजाज और सिफत अली मानद अतिथि बने। संयोजक डॉ. जियाउर रहमान अंसारी ने एआई-एमएल एकीकरण की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डाला और आयोजन सचिव डॉ. इजरार अहमद रहे। संगोष्ठी में दो शैक्षणिक सत्र हुए, जहां छह विशेषज्ञों—डॉ. समीर सरन, प्रो. पी. के. जोशी, प्रो. बी. एस. चौधरी, प्रो. राशिद अली, डॉ. अमृता बजाज और डॉ. सालेहा जमाल ने व्याख्यान दिए। वक्ताओं ने भू-स्थानिक विज्ञान में एआई, एमएल और डीप लर्निंग के नवीनतम उपयोगों पर चर्चा की। लगभग पचास प्रतिभागी विभिन्न अनुशासनों से शामिल हुए। समापन में प्रो. रफीउद्दीन ने प्रमाणपत्र वितरित किए और डॉ. इजरार अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
2. एएमयू में GIAN पाठ्यक्रम — दवा खोज और वितरण
एएमयू के इंटरडिसिप्लिनरी नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर में 25 नवंबर को GIAN कार्यक्रम के अंतर्गत “दवा खोज और वितरण की ओर एक बहु-विषयक दृष्टि” शीर्षक से एकदिवसीय पाठ्यक्रम आयोजित होगा। कुलपति प्रो. नइमा खातून संरक्षक हैं। मुख्य अतिथि टेक इनवेन्शन के सीईओ सैयद अहमद होंगे, जबकि सऊदी अरब के KAIMRC से डॉ. इमादुल इस्लाम विशिष्ट अतिथि रहेंगे। पाठ्यक्रम का समन्वय डॉ. मोहम्मद अजहर अजीज कर रहे हैं। आयोजन में प्रो. नेसार अहमद, प्रो. मोहम्मद मुजम्मिल, प्रो. अब्सार अहमद और प्रो. एम. जे. वारसी सहयोग दे रहे हैं। कोर्स का उद्देश्य प्रतिभागियों को दवा खोज, नैनो-ड्रग डिलीवरी सिस्टम और जैव-चिकित्सा के इंटरडिसिप्लिनरी शोध के नवीन आयामों से परिचित कराना है। इसमें अकादमिक और उद्योग विशेषज्ञों का उन्नत ज्ञान-साझाकरण भी होगा।
3. एके तिब्बिया कॉलेज — गुर्दा रोग पर अतिथि व्याख्यान
अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के मोआलिजात विभाग में “दीर्घकालिक गुर्दा रोग: विकासशील देशों की नई मौन महामारी” विषय पर व्याख्यान हुआ, जिसे जेएनएमसी के प्रो. मोहम्मद असलम ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि गुर्दा रोग तेजी से वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है और केवल तेलंगाना में ही लगभग 14 में से 1 व्यक्ति इससे प्रभावित होने की संभावना रखता है। उन्होंने तीव्र व दीर्घकालिक गुर्दा रोग का अंतर स्पष्ट किया और कहा कि क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ एक बार होने पर पूरी तरह ठीक नहीं होती, बल्कि प्रबंधन से नियंत्रित की जाती है। उन्होंने शुरुआती निदान में मूत्र की सूक्ष्म जांच को महत्वपूर्ण बताया और मोटापा, उच्च रक्तचाप, खराब शुगर नियंत्रण जैसे जोखिम कारकों को कम करने पर जोर दिया। विभागाध्यक्ष प्रो. बदरुद्दुजा खान ने स्वागत किया और स्मृति चिह्न भेंट किया।
4. पैरामेडिकल कॉलेज — विश्व रेडियोलॉजी दिवस
एएमयू के पैरामेडिकल कॉलेज में विश्व रेडियोलॉजी दिवस “पेशे को बढ़ावा देना” थीम पर मनाया गया। उद्घाटन में डीन प्रो. मोहम्मद खालिद, प्रिंसिपल प्रो. काजी एहसान अली, रेडियो डायग्नोसिस प्रमुख प्रो. मेहताब अहमद, रेडियोथेरेपी प्रमुख प्रो. मोहम्मद अकरम व नर्सिंग कॉलेज प्रिंसिपल प्रो. फरहा आजमी उपस्थित रहे। अतिथियों ने रेडियोलॉजी क्षेत्र के तकनीकी नवाचार, इमेजिंग की भूमिका और नैतिक पेशेवर आचरण पर विचार रखे। प्रो. मेहताब अहमद, डॉ. सैफुल्लाह खालिद और डॉ. बिलाल हुसैन ने उभरती प्रवृत्तियों व करियर अवसरों पर व्याख्यान दिए। छात्रों ने पोस्टर, मॉडलों और डेमोंस्ट्रेशन से भागीदारी की। संचालन डॉ. अरफात और धन्यवाद सायमा एहसान ने दिया।
5. 18 एएमयू छात्र — सऊदी अरब में चयन
एएमयू के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संकाय के 18 छात्र सऊदी अरब की EFS फैसिलिटी सर्विसेज द्वारा आयोजित भर्ती अभियान में चयनित हुए। EFS मध्य-पूर्व की प्रमुख फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी है। चयनित छात्र रियाद, जेद्दा, दम्माम और तबुक सहित विभिन्न परियोजनाओं में नियुक्त होंगे। चयनित नाम हैं: अजहर महमूद, मोहम्मद जुबैर खान, अरमान अंसारी, जैनब नाज, रेहान खान, सुफियन अहमद, सयाम फराज, इस्फार अहमद शेरवानी, मुहम्मद इकराम, रिजवान खान, ताबरेज आलम, अरीबा वाहिद, शिफा परवेज, अबु अथर, मोहम्मद सैफ, अर्जलान सिद्दीकी, मोहम्मद अरीब सिद्दीकी और मोहम्मद मारूफ खान। यह चयन TPO (जनरल) और ZHCET TPO के संयुक्त प्रयास से हुआ।
6. एएमयू छात्रों ने राष्ट्रीय सहयतोत्सव में प्रथम स्थान पाया
कर्नाटक के गुलबर्गा में हुए राष्ट्रीय सहयतोत्सव में एएमयू के दो छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर की क्विज में प्रथम स्थान (A ग्रेड) हासिल किया। प्रतियोगिता में 26 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। विजेता टीम में इस्लामिक स्टडीज के छात्र शम्सुल हुदा चौधरी और इतिहास विभाग के छात्र इमदादुल करीम लस्कर शामिल थे। दोनों पहले विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता जीतकर राष्ट्रीय मंच पर पहुंचे थे।
7. एएमयू मल्लापुरम केंद्र — NDPS अधिनियम पर जागरूकता
एएमयू मल्लापुरम सेंटर के विधिक सहायता सेल ने पैरिन्थलमन्ना एक्साइज रेंज व लेबर ऑफिस के सहयोग से रफीक प्लाईवुड इंडस्ट्रीज़ में NDPS अधिनियम, 1985 पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों व औद्योगिक कर्मचारियों को मादक पदार्थों के कानून, दंड व अधिकारों के बारे में जागरूक करना था। एक्साइज रेंज अधिकारी एम. यूनुस व लेबर अधिकारी फातिमा फलाह ने कानूनी साक्षरता पर बल दिया। डॉ. दीबा खानम ने NDPS की प्रमुख धाराओं को समझाया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. शहुल हमीद व डॉ. शाहनवाज मलिक ने किया। विधि छात्रों—अलीशा अजीम, अपूर्वा चंद्रा, सना अंजुम, रहीमीन हयात, मोहम्मद आसिफ और अभिषेक यादव—ने सरल उदाहरणों से कानून समझाया।
8. एएमयू डिबेटिंग क्लब — प्रो. आसिम सिद्दीकी की पुस्तक पर विमर्श
यूडीएलसी द्वारा केनेडी ऑडिटोरियम में प्रो. मोहम्मद आसिम सिद्दीकी की नई पुस्तक “हिंदी सिनेमा में मुस्लिम पहचान” पर विमर्श हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. शाफे किदवई ने की। विद्वानों—डॉ. अदीबा फैयाज, डॉ. सुनिज शर्मा, प्रो. आयशा मुनीरा—ने सिनेमा में शैली, प्रस्तुति, पहचान व कथा-राजनीति पर विचार प्रस्तुत किए। ‘द हिंदू’ के अनुराग कुमार ने बताया कि पुराने सिनेमाई ढाँचे कैसे बने रहते हैं और प्रचारवादी कथाएँ समाज को कैसे प्रभावित करती हैं। लेखक प्रो. आसिम ने अपनी प्रेरणाएँ साझा कीं। उद्घाटन भाषण प्रो. मोहम्मद नवेद खान और प्रो. नाजिया हसन ने दिया।
9. एएमयू ने विश्वविद्यालय कोर्ट के लिए दो वरिष्ठ शिक्षकों की नियुक्ति की
कृषि माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. इकबाल अहमद और औद्योगिक रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. शाहाब अली असगर नामी को विभागाध्यक्षों की वरिष्ठता के आधार पर विश्वविद्यालय कोर्ट का सदस्य नियुक्त किया गया है। कार्यकाल तीन वर्ष या विभागाध्यक्ष पद पर रहने तक होगा।
10. डॉ. शहला खान — एआई आधारित कैंसर भविष्यवाणी पर पेपर प्रस्तुति
डॉ. जेड.ए. डेंटल कॉलेज की डॉ. शहला खान ने गाजियाबाद में भारतीय ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन के सम्मेलन में वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुत किया। विषय था—“मुख स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा में उपचार-प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी में एआई की भूमिका”। उन्होंने बताया कि एआई मॉडल बेहतर निदान, उपचार-निर्धारण व प्रतिक्रिया-पूर्वानुमान देकर मरीजों के परिणाम सुधार सकते हैं और उपचार विषाक्तता कम कर सकते हैं। उन्होंने डिजिटल ऑन्कोलॉजी उपकरणों पर कार्यशाला में भी भाग लिया।
11. नॉर्थ ज़ोन इंटर-यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट — 22 नवंबर से
एएमयू 22 नवंबर–4 दिसंबर 2025 तक नॉर्थ ज़ोन इंटर-यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट (पुरुष वर्ग) की मेजबानी करेगा। सचिव प्रो. सैयद अमजद अली रिज़वी ने बताया कि 84 विश्वविद्यालय भाग ले रहे हैं। मैच एएमयू पवेलियन, एथलेटिक्स ग्राउंड, अहिल्याबाई होल्कर स्टेडियम, डीपीएस व मार्क क्रिकेट अकादमी में होंगे। रोज़ 10 मैच होंगे; क्वार्टर फाइनल तक 20-ओवर और उसके बाद 40-ओवर फॉर्मेट रहेगा। यूपीसीए के आधिकारिक अंपायर नियुक्त होंगे। खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था तीन हॉस्टलों में की गई है। आयोजन सचिव का अतिरिक्त कार्य प्रो. मोहम्मद शमीम को मिला है। समापन समारोह में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के आने की संभावना है।
12. दवाखाना तिब्बिया कॉलेज — प्लेटिनम जुबली डीलर्स मीट
एएमयू के ऐतिहासिक दवाखाना तिब्बिया कॉलेज ने 75 वर्ष पूरे होने पर 22 नवंबर को जेएनएमसी में डीलर्स मीट आयोजित की। 1950 में स्थापित यह संस्थान यूनानी चिकित्सा के संरक्षण से शुरू हुआ और अब वैज्ञानिक मानकों व गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का अग्रणी नाम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नइमा खातून ने की। पूर्व कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज मुख्य अतिथि रहे। प्रो. गुलशन वाधवा और प्रो. सैयद शाह आलम विशेष अतिथि रहे। कार्यक्रम में डीटीसी की दवाओं, गुणवत्ता नियंत्रण और भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत किया गया। लंबे समय से जुड़े डीलरों का सम्मान किया गया। संस्थान ने नया लोगो, नई वेबसाइट और नया तैयार-पीने योग्य ऊर्जा-वर्धक “शरबत” लॉन्च करने की घोषणा की।















