हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
प्रयागराज। साल 2022 के चर्चित आजमगढ़ जहरीली शराब कांड मामले में फंसे समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक रमाकांत यादव की याचिका पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल विधायक को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई 2025 की तारीख तय की है।
सपा विधायक रमाकांत यादव की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उन्हें एक ही अपराध के लिए तीन अलग-अलग मुकदमों में ट्रायल का सामना करना पड़ रहा है, जो कानूनन उचित नहीं है। याचिका में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद ने दलील दी कि एक ही घटना के लिए तीन बार अभियोजन चलाना “डबल जियोपर्डी” (एक ही अपराध के लिए बार-बार सजा नहीं दी जा सकती) के सिद्धांत के खिलाफ है।
वहीं राज्य सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कोर्ट में तर्क दिया कि तीनों मुकदमे अलग-अलग पीड़ितों व शिकायतकर्ताओं द्वारा दर्ज कराए गए हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि:
- पहली एफआईआर विजय सोनकर ने 21 फरवरी 2022 को दर्ज कराई।
- दूसरी एफआईआर नीरज सिंह ने 22 फरवरी को दर्ज कराई।
- तीसरी एफआईआर राजेंद्र प्रसाद द्वारा भी 22 फरवरी को कराई गई।
तीनों मामलों में जांच के दौरान रमाकांत यादव की संलिप्तता पाई गई और इसी आधार पर तीनों में अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गईं। सरकार ने यह भी बताया कि तीनों मामले अब साक्ष्य (एविडेंस) के स्तर पर हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है, जबकि याचिकाकर्ता रमाकांत यादव को उसका जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिका लंबित होने मात्र से निचली अदालत में ट्रायल पर कोई रोक नहीं मानी जाएगी।
21 फरवरी 2022 को आजमगढ़ के अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल कस्बे में देशी शराब के ठेके की जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में अहरौला और फूलपुर थानों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। पुलिस जांच में सपा विधायक रमाकांत यादव और उनके भांजे रंगेश यादव सहित कई अन्य के नाम सामने आए।
अहरौला थाने में रमाकांत यादव के खिलाफ IPC की धाराएं 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 419 (छल), 273 (हानिकारक खाद्य सामग्री बेचना), 468, 272, 471 और यूपी एक्साइज एक्ट की धारा 60(A) के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी।
11 दिसंबर 2024 को रमाकांत यादव पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई। पुलिस ने उनके भांजे रंगेश यादव को गैंग का लीडर बताया और उसके साथ 12 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया।
रमाकांत यादव 30 जुलाई 2022 से जेल में बंद हैं। इस दौरान उन्होंने कई बार हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की, लेकिन हर बार याचिका खारिज कर दी गई। हाल ही में फरवरी 2025 में भी उनकी एक जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी।
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच कर रही है।