हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 21 मई : 2025
वाशिंगटन, 20 मई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक नई और महत्वाकांक्षी मिसाइल सुरक्षा परियोजना ‘गोल्डन डोम’ की घोषणा की है। इस सिस्टम का उद्देश्य स्पेस में तैनात सैटेलाइट्स के जरिए दुश्मन की मिसाइलों का तुरंत पता लगाना, उनका ट्रैक रखना और लॉन्च होते ही उन्हें नष्ट करना है।
‘गोल्डन डोम’ परियोजना इजरायल के ‘आयरन डोम’ से प्रेरित है, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा बड़ा और उन्नत है। इस सिस्टम में सैकड़ों उच्च तकनीक सैटेलाइट नेटवर्क शामिल होंगे, जो मिसाइल लॉन्च होते ही उसे रियल टाइम में ट्रैक करेंगे और तुरंत जवाब देंगे। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ट्रैकिंग और फायर कमांड तकनीक भी होगी, जिससे मिसाइलों को लॉन्च होते ही बीच में नष्ट किया जा सकेगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रंप प्रशासन ने शुरुआती तौर पर 25 बिलियन डॉलर का बजट मंजूर किया है, जबकि पूरे सिस्टम के निर्माण में लगभग 175 बिलियन डॉलर की लागत आ सकती है। गोल्डन डोम का पूरा निर्माण अमेरिका के भीतर ही किया जाएगा, जिससे देश की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कनाडा ने इस परियोजना में सहयोग करने की इच्छा जताई है। अमेरिका इसे केवल घरेलू सुरक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहता बल्कि नाटो और अन्य मित्र देशों के साथ मिलकर इसे एक व्यापक सुरक्षा नेटवर्क बनाने की योजना बना रहा है। यह परियोजना चीन और रूस जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों के लिए भी एक सशक्त राजनीतिक संदेश है।
गोल्डन डोम परियोजना का संचालन जनरल माइकल गुएटलीन को सौंपा गया है। पेंटागन ने पहले ही सेंसर, सैटेलाइट और मिसाइल परीक्षण की रूपरेखा तैयार कर ली है और बजट मंजूरी के बाद इस योजना के प्रारंभिक चरण का निर्माण शुरू कर दिया गया है।
यह सिस्टम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), हाइपरसोनिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ रियल टाइम ट्रैकिंग और जवाब देने में सक्षम होगा। इससे अमेरिका को स्पेस डोमिनेंस यानी अंतरिक्ष में वर्चस्व हासिल होगा और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा पहले से अधिक मजबूत होगी।