• Home
  • नई दिल्ली
  • संसद के मानसून सत्र की तिथियों की घोषणा: विपक्ष का आरोप – सरकार पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रही है
Image

संसद के मानसून सत्र की तिथियों की घोषणा: विपक्ष का आरोप – सरकार पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रही है

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 4 जून 2025

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की तिथियों की घोषणा को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस बार संसद सत्र की तारीखें 47 दिन पहले ही घोषित कर दी गई हैं, जो अब तक की संसदीय परंपरा में एक असाधारण कदम माना जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह निर्णय सरकार ने जानबूझकर लिया है ताकि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विपक्ष द्वारा मांगी जा रही विशेष संसद सत्र की मांग को टाला जा सके।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह फैसला सरकार की रणनीतिक चाल है ताकि विपक्ष की मांगों को दरकिनार किया जा सके। उन्होंने लिखा कि आमतौर पर सत्र की तारीखों की घोषणा कुछ दिन पहले होती है, लेकिन इस बार 47 दिन पहले ही घोषणा कर दी गई, जो पहले कभी नहीं हुआ।

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन के दलों ने संसद की एक तत्काल बैठक बुलाकर निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी:

  • पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दोषियों को अब तक न्याय के कटघरे में लाने में विफलता
  • ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव और उसके बाद उत्पन्न हालात
  • ऑपरेशन सिंदूर का स्पष्ट राजनीतिकरण
  • सिंगापुर में सीडीएस द्वारा किए गए खुलासे
  • भारत-पाकिस्तान को एक श्रेणी में रखे जाने की चिंताजनक कूटनीतिक स्थिति
  • पाकिस्तान की वायुसेना में चीन की खतरनाक घुसपैठ
  • डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार भारत-पाक के बीच मध्यस्थता के दावे
  • विदेश नीति और कूटनीति के स्तर पर सरकार की लगातार होती विफलताएं

उन्होंने आगे कहा कि मानसून सत्र के दौरान भी ये तमाम मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहेंगे और प्रधानमंत्री को इन कठिन सवालों का जवाब देना ही होगा।

इस बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पुष्टि की कि 21 जुलाई से 12 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चलेगा। यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की समिति की बैठक में लिया गया। रिजिजू ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।

विशेष सत्र की मांग के अप्रासंगिक हो जाने से विपक्ष और भी अधिक आक्रामक हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आगामी मानसून सत्र बेहद हंगामेदार होने की संभावना है।

Releated Posts

संविधान दिवस : बच्चों में संवैधानिक मूल्यों का अनुप्राणन और सभ्य-समतावादी समाज का निर्माण

भारत का संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि राष्ट्र की सामूहिक आत्मा, आकांक्षा और आदर्शों का जीवित…

ByByHindustan Mirror NewsNov 23, 2025

सऊदी अरब में दर्दनाक बस हादसा: 42 भारतीयों की जलकर मौत

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: नई दिल्ली, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज। सऊदी अरब में सोमवार को हुए एक भयावह सड़क हादसे…

ByByHindustan Mirror NewsNov 17, 2025

📰 हमास की बर्बरता : गाज़ा में अपने ही नागरिकों की पब्लिक एक्सीक्यूशन!

हिंदुस्तान मिरर न्यूज़, अंतरराष्ट्रीय डेस्क |गाज़ा पट्टी में सीजफायर के बाद शांति की उम्मीद थी, लेकिन हालात इसके…

ByByHindustan Mirror NewsOct 15, 2025

राहुल गांधी ने मृतक आईपीएस वाई पूरनकुमार के परिवार से की मुलाकात, बोले- तुरंत हो गिरफ्तारी

नई दिल्ली, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने बीते दिनों आत्महत्या…

ByByHindustan Mirror NewsOct 14, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top