उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) से गलत तरीके से भुगतान लेने वाले 39 अस्पतालों की संबद्धता निलंबित कर दी गई है। निलंबन अवधि में ये अस्पताल योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं कर सकेंगे। इन अस्पतालों को साचीज के अधिकारियों/कर्मचारियों की लॉगिन आईडी के दुरुपयोग के जरिए 9.94 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया था। इस मामले में हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है, और पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ साचीज से अस्पतालों की सूची और लेनदेन से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।
वसूली की स्थिति:
- 34 अस्पतालों ने 7.46 करोड़ रुपये लौटा दिए हैं।
- पांच अस्पतालों—पैनेसिया अस्पताल (वाराणसी), हिंदुस्तान चाइल्ड अस्पताल (बहराइच), सनराइज हॉस्पिटल, न्यूलाइफ हॉस्पिटल (हापुड़), और सकीना अस्पताल (मुरादाबाद)—ने अभी तक राशि नहीं लौटाई है। इन्हें दोबारा नोटिस भेजा गया है।
निलंबित अस्पताल:
निलंबित अस्पतालों में लखनऊ, बिजनौर, मुरादाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, देवरिया, गोरखपुर, और अमरोहा जैसे जिलों के अस्पताल शामिल हैं। कुछ प्रमुख अस्पतालों के नाम हैं: मुस्तफा अस्पताल, इंडिया अस्पताल, विद्या अस्पताल (लखनऊ), सुपर वेदांत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, आयुष्मान अस्पताल (बिजनौर), गैलेक्सी सर्जिकल और मैटरनिटी सेंटर, एवीएस अस्पताल (मुरादाबाद), चौधरी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (गाजियाबाद), और मीनल नर्सिंग होम (गोरखपुर)।
जांच और कार्रवाई:
विभागीय जांच में कई स्तरों पर लापरवाही पाई गई है, और कई अधिकारियों व कर्मचारियों के फंसने की संभावना है। साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा ने कहा कि भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। शेष राशि की वसूली की प्रक्रिया जारी है।
घोटाले का खुलासा:
1 से 22 मई 2025 के बीच 6239 फर्जी लाभार्थियों के नाम पर 39 अस्पतालों को भुगतान किया गया। यह फर्जीवाड़ा साचीज के सीईओ, वित्त प्रबंधक, और लेखाधिकारी की लॉगिन आईडी के दुरुपयोग से हुआ, जिसमें अधिकतर भुगतान रात में किए गए। साचीज ने डेटा सुरक्षा ऑडिट कराने और खामियों को दूर करने का निर्णय लिया है।