हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में खुफिया एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया कि आतंकियों की योजना 32 पुरानी गाड़ियों में विस्फोटक लगाकर देश के कई शहरों में एक साथ धमाके करने की थी। अभी तक दो कारें—हुंडई i20 और फोर्ड इकोस्पोर्ट—पूरी तरह तैयार की जा चुकी थीं। इन्हीं में से एक में हुए धमाके में डॉक्टर मुजम्मिल ने खुद को उड़ा लिया।
सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के आठ आतंकी चार शहरों में दो-दो के समूह में सक्रिय थे। प्रत्येक जोड़ी को आईईडी से लैस गाड़ियाँ तैयार कर हमले करने थे। गिरफ्तार आतंकियों में डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, डॉ. उमर और डॉ. शाहीन शामिल हैं। इनमें डॉ. उमर को मुख्य सरगना बताया गया है, जिसने पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग सिग्नल ऐप के प्राइवेट ग्रुप पर की थी।
जांच में यह भी पता चला कि इस मॉड्यूल ने लगभग 20 लाख रुपये जुटाए थे। इन्हीं पैसों से गुरुग्राम, नूह और आसपास के क्षेत्रों से 20 क्विंटल NPK फर्टिलाइज़र खरीदा गया, जिसे विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किया जाना था। डॉ. मुजम्मिल का संबंध पहले भी ISIS की शाखा “अंसार गजवत-उल-हिंद” से रहा है और उसे इरफान उर्फ मौलवी ने इस नेटवर्क से जोड़ा था।
सुरक्षा एजेंसियां अब फंडिंग, फर्टिलाइज़र सप्लाई और पुरानी गाड़ियों की खरीद की पूरी चेन ट्रेस कर रही हैं। माना जा रहा है कि यह आतंकी ग्रुप स्वतंत्र मॉड्यूल बनाकर देशभर में बड़े हमले की तैयारी में था। फिलहाल, NIA और अन्य एजेंसियां सभी संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई हैं और पूरे उत्तर भारत में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।













