हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: बुधवार 25 जून 2025
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। नेताओं ने आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय करार देते हुए, इसके दौरान संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र के उल्लंघन की कड़ी निंदा की।
पीएम मोदी: आपातकाल में संविधान की भावना का उल्लंघन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 25 जून 1975 को लागू आपातकाल ने भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को कुचल दिया था। मौलिक अधिकार निलंबित किए गए, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई, और राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं व आम नागरिकों को जेल में डाला गया। उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार द्वारा लोकतंत्र को बंधक बनाने का कृत्य बताया। पीएम ने 42वें संशोधन को संविधान के साथ छेड़छाड़ का उदाहरण बताया और आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “यह सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने कांग्रेस को लोकतंत्र बहाल करने और नए चुनाव कराने के लिए मजबूर किया, जिसमें उनकी करारी हार हुई।”
अमित शाह: आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक
गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल को कांग्रेस की सत्ता की भूख और लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि एक व्यक्ति और कांग्रेस की तानाशाही सोच थी। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका को बंधक बनाया गया, और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। शाह ने कहा कि देशवासियों ने “सिंहासन खाली करो” का नारा बुलंद कर तानाशाही को उखाड़ फेंका। उन्होंने इस संघर्ष में बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “संविधान हत्या दिवस” नई पीढ़ी को आपातकाल की पीड़ा से अवगत कराने का प्रयास है।
जेपी नड्डा: 50 साल बाद भी नहीं बदली कांग्रेस की मानसिकता
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 50 साल पहले इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने आपातकाल थोपा, जो लोकतंत्र पर सीधा हमला था। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भी कांग्रेस की मानसिकता वही है, जो 1975 में थी। नड्डा ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एक खतरनाक सोच बताया।
राजनाथ सिंह: लोकतंत्र की रक्षा में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपातकाल ने लोकतंत्र के मूल्यों को कुचलने का प्रयास किया, लेकिन देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को मिटाया नहीं जा सका। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर अत्याचार, संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की निंदा की। सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और संघर्ष ने भारत के लोकतंत्र को बचाए रखा। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” घोषित करने को तानाशाही के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कदम बताया।
बीजेपी का संदेश: लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प
बीजेपी ने इस अवसर पर आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों को याद किया और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी। पार्टी ने इसे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक प्रेरणा के रूप में पेश किया। नेताओं ने जोर देकर कहा कि आपातकाल का यह काला अध्याय देशवासियों को हमेशा सतर्क रहने की याद दिलाता है ताकि भविष्य में लोकतंत्र पर ऐसा कोई हमला न हो सके।