हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़ की धरती पर आज एक नया इतिहास रचा गया, जब सर्वशक्ति सेवा संस्थान (रजि.) द्वारा एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह नजारा न केवल सेवा और बलिदान की मिसाल था, बल्कि यह संदेश भी दे रहा था कि समाज सेवा के क्षेत्र में अब महिलाएँ और बच्चियाँ भी पीछे नहीं, बल्कि अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
शिविर में शामिल कई बच्चियों और महिलाओं ने पहली बार रक्तदान किया। रक्तदान के बाद उनके चेहरों पर संतोष और गर्व की झलक साफ दिखाई दे रही थी। प्रतिभागियों ने कहा कि रक्तदान केवल एक जरूरतमंद की मदद नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का सबसे बड़ा अवसर है। इस मौके पर सभी ने मिलकर लोगों से अपील की कि पेड़-पौधों की रक्षा करें और प्रकृति को सुरक्षित रखें। बच्चियों ने नारा दिया – “पेड़ पौधों को मत करो नष्ट, सांस लेने में होगा कष्ट।” यह नारा वातावरण संरक्षण और जीवन रक्षा का संदेश बनकर गूंज उठा।
इस आयोजन के माध्यम से समाज को यह स्पष्ट संदेश मिला कि सेवा और त्याग केवल पुरुषों का क्षेत्र नहीं, बल्कि महिलाएँ भी हर मोर्चे पर डटकर खड़ी हैं। रक्तदान जैसे कार्य में महिलाओं और बच्चियों की सक्रिय भागीदारी ने समाज में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।
सर्वशक्ति सेवा संस्थान की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब नारी संकल्प करती है, तो समाज में परिवर्तन की नई धारा बहती है। महिलाओं का यह साहसिक कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा। यह रक्तदान शिविर केवल जीवन बचाने का अभियान नहीं रहा, बल्कि महिलाओं की बढ़ती जागरूकता, साहस और सेवा भाव का प्रतीक बनकर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।