हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: रविवार, 8 जून 2025
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और कड़े प्रवर्तन की नीति अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कर चोरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे राष्ट्रीय अपराध मानते हुए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शेल कंपनियों और पंजीकृत फर्जी फर्मों के विरुद्ध अभियान चलाकर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्य ईमानदार व्यापारियों के हितों के साथ विश्वासघात हैं और यह अक्षम्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जनसंख्या घनत्व अधिक होने वाले क्षेत्रों से अपेक्षाकृत अधिक कर संग्रहण होना स्वाभाविक है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन ज़ोन में कर संग्रह औसत से कम है, वहां विशेष रणनीति बनाकर सुधारात्मक प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सेंट्रल जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जाए, ताकि उनका पंजीकरण निरस्त किया जा सके। वहीं, स्टेट जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत फर्मों की विभागीय जांच कर यदि अनियमितताएं पाई जाएं तो उनका पंजीकरण रद्द कर एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने सभी नई पंजीकृत फर्मों का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे फर्जी फर्मों पर अंकुश लगेगा और ईमानदार करदाताओं के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,75,725 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल-मई माह में 18,161.59 करोड़ रुपये का जीएसटी व वैट संग्रहण हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया, लेकिन साथ ही लक्ष्य प्राप्ति की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ (दोनों ज़ोन), अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर जैसे लगभग 14 ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50% से कम संग्रह को असंतोषजनक मानते हुए इनकी तत्काल व्यापक समीक्षा करने के निर्देश दिए।