हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 8 मई : 2025,
नई दिल्ली, 8 मई 2025: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच समिति की विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को औपचारिक रूप से सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट के साथ जस्टिस वर्मा द्वारा दिया गया व्यक्तिगत जवाब भी राष्ट्रपति को भेजा गया है। यह कदम न्यायपालिका में अनुशासनात्मक जांच की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके बाद संवैधानिक स्तर पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
जांच समिति की यह कार्रवाई जस्टिस वर्मा के आवास पर कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने और उससे जुड़े विवादों के बाद शुरू की गई थी। मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट और जले हुए नोटों के बंडलों का वीडियो सामने आने के बाद CJI खन्ना ने इस मामले में त्वरित जांच के आदेश दिए थे। तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी जांच पूरी कर मई 2025 की शुरुआत में नकदी मिलने की पुष्टि की थी, जिसके बाद जस्टिस वर्मा से दो दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था।
सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोपों का उल्लेख है, हालांकि जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों को “षड्यंत्र” करार देते हुए खारिज किया है। अब राष्ट्रपति इस रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे और संवैधानिक प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे, जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम या अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
न्यायपालिका के जानकारों का मानना है कि यह मामला भारतीय न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस घटनाक्रम पर देशभर की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह न केवल जस्टिस वर्मा के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि न्यायिक सुधारों पर भी व्यापक चर्चा को जन्म दे सकता है।