हिन्दुस्तान मिरर न्यूज-
नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर देश की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा किए जाने के बाद अब विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस सहित विपक्ष के सभी दल मिलकर एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस पूरे अभियान के केंद्र में हैं और संभावित नामों पर गंभीर मंथन कर रहे हैं। उनका दायित्व है कि वे विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं और दलों से समन्वय स्थापित कर एक सर्वसम्मत नाम तय करें। इसके लिए वे लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क में हैं और बैठकों का दौर जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा के बाद विपक्ष भी अपने पत्ते खोलेगा। विपक्ष का प्रयास है कि ऐसा उम्मीदवार सामने आए जो सभी दलों के लिए स्वीकार्य हो और चुनाव में मजबूती से मुकाबला कर सके। चर्चा है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है, जिनकी छवि निष्पक्ष और सर्वमान्य मानी जाती है।
खरगे की जिम्मेदारी केवल नाम तय करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन का यह कदम एकजुटता का मजबूत संदेश दे। इस प्रक्रिया में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, और वाम दलों जैसे सहयोगी दलों से गहन चर्चा की जा रही है।
जानकारों के अनुसार, विपक्ष इस चुनाव को केवल एक संवैधानिक पद के चुनाव के रूप में नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश के रूप में भी देख रहा है। विपक्ष का मानना है कि संयुक्त उम्मीदवार के जरिए भाजपा के वर्चस्व को चुनौती दी जा सकती है और जनता के सामने एक मजबूत वैकल्पिक राजनीतिक छवि पेश की जा सकती है।
उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अपने संयुक्त प्रत्याशी के नाम का औपचारिक ऐलान करेंगे, जिससे उप राष्ट्रपति पद का चुनाव और दिलचस्प हो जाएगा।