हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भोपाल, 19 अक्टूबर 2025। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में साध्वी प्रज्ञा यह कहते हुए नजर आ रही हैं कि अगर कोई लड़की अभिभावकों की समझाने, समझाने या डांटने के बाद भी किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति के साथ जाने की कोशिश करती है, तो माता-पिता को “उसकी टांगे तोड़ देनी चाहिए।” उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न कर दी है।
साध्वी प्रज्ञा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बेटियों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देना जरूरी है। लेकिन यदि वे “मीठी बातों” से नहीं मानतीं तो माता-पिता को सख्ती दिखाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि “जब कोई संतान गलत दिशा में जाती है, तो उसके भले के लिए कठोर कदम उठाना आवश्यक होता है।”
अपने भाषण में उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई लड़की जन्म लेती है, तो उसे देवी लक्ष्मी या सरस्वती का स्वरूप माना जाता है, लेकिन यदि वही बड़ी होकर किसी “विधर्मी” के साथ जाने की सोचती है, तो यह परिवार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अभिभावकों को “प्यार, फटकार या आवश्यकता पड़ने पर दंड” के माध्यम से उसे रोकना चाहिए।
साध्वी प्रज्ञा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिससे एक बार फिर वह विवादों के घेरे में आ गई हैं। विपक्षी दलों ने उनके बयान की तीखी आलोचना की है, इसे “स्त्री-विरोधी” और “संवैधानिक मूल्यों के विपरीत” बताया है। हालांकि, साध्वी प्रज्ञा के समर्थक इसे “संस्कृति की रक्षा” से जोड़कर देख रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब उनके बयान ने विवाद खड़ा किया हो—इससे पहले भी वह कई बार अपने तीखे वक्तव्यों को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं।













