हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 24 मई : 2025
नई दिल्ली, 24 मई 2025: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति और प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावी ढंग से पेश करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से सर्वदलीय सांसदों के 7 प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) बनाए गए हैं, जिनमें कुल 59 सांसद शामिल हैं। ये डेलिगेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दुनिया के विभिन्न महत्त्वपूर्ण देशों और क्षेत्रों में समझाने के लिए भेजे जा रहे हैं।
इस प्रयास का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि भारत आतंकवाद से न केवल डरेगा नहीं, बल्कि शांति और सुरक्षा के लिए लगातार संघर्षरत रहेगा। साथ ही, भारत पाकिस्तान समेत आतंकवाद के प्रायोजकों को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के लिए अपनी स्थिति मजबूती से रखेगा।
इस अभियान के तहत अमेरिका सहित पांच देशों के दौरे पर रवाना होने से पहले कांग्रेस सांसद और इस मिशन के प्रमुख प्रतिनिधि शशि थरूर ने शुक्रवार को अपनी बात कही। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा,
“भारत आतंकवाद से डरने वाला देश नहीं है। हम चुप नहीं बैठेंगे, बल्कि सच सामने लाएंगे। हमारा मिशन शांति का है। हम दुनिया को यह विश्वास दिलाएंगे कि भारत शांति की राह पर अग्रसर है और आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है।”
थरूर ने आगे कहा, “हम वहां जाकर लोगों को अपनी अनुभवों और कार्रवाई के पीछे के कारणों को समझाएंगे। हमारा उद्देश्य बहस करना नहीं, बल्कि संवाद स्थापित करना और समझ बनाना है, ताकि विश्व समुदाय को पता चले कि भारत ने अब तक आतंकवाद के खिलाफ क्या-क्या संघर्ष झेला है और भविष्य में हमारा रुख क्या रहेगा।”
कौन-कौन से देश जाएंगे प्रतिनिधिमंडल?
शशि थरूर के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ. सरफराज अहमद, शांभवी, जीएम हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, तेजस्वी सूर्या और मिलिंद देवड़ा शामिल हैं। यह डेलिगेशन निम्न देशों की यात्रा करेगा:
- ग्रुप 5: अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया
इसके अलावा, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर सात डेलिगेशन बनाकर निम्न देशों को कवर किया है:
- ग्रुप 1: सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया
- ग्रुप 2: यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क
- ग्रुप 3: इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर
- ग्रुप 4: संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन
- ग्रुप 6: स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस
- ग्रुप 7: मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका
इस अभियान का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा गया है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को वैश्विक स्तर पर प्रभावी रूप से प्रचारित करने का एक महत्वपूर्ण मिशन है। भारत सरकार का उद्देश्य है कि आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व समुदाय में जागरूकता बढ़ाई जाए और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की सशक्त नीतियों को सही अर्थों में समझा जाए।
यह मिशन पाकिस्तान और आतंकवाद के अन्य प्रायोजकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने का प्रयास है। भारत के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध स्थिर और निर्णायक है।
भारत के आतंकवाद विरोधी कदमों की यह पहल देश की संप्रभुता, सुरक्षा और शांति की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क़दम है। भारत न केवल अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करता रहा है, बल्कि वह वैश्विक मंच पर भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की दिशा में अग्रसर है।