हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
आगरा। आरटीओ आगरा में 5 मई से लागू नए नियमों के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का ग्राफ तेजी से गिर गया है। अरतौनी (सिकंदरा) स्थित नए टेस्टिंग ट्रैक पर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम के तहत वाहन चलाकर पास होने की अनिवार्यता ने आवेदकों की राह मुश्किल कर दी है। नतीजतन, बड़ी संख्या में लोग आवेदन के बाद भी टेस्ट देने नहीं पहुंच रहे हैं।
संभागीय परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 15 मई के बीच कुल 1459 स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए, जबकि प्रतिदिन औसतन 150 लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं। बावजूद इसके केवल 259 लोग ही टेस्टिंग ट्रैक पर पहुँचकर टेस्ट पास कर सके। यानी करीब 70 प्रतिशत आवेदक टेस्ट देने ही नहीं पहुंचे।
नए नियम लागू होने से पहले आरटीओ में प्रतिदिन करीब 300 लाइसेंस बनाए जा रहे थे। लेकिन 5 मई के बाद यह संख्या घटकर 100 से भी कम हो गई है। आरटीओ सूत्रों के अनुसार, 5 मई से पहले केवल तीन दिन (1 से 3 मई) में 1200 लाइसेंस जारी किए गए थे, जबकि 5 से 15 मई के बीच 11 दिन में सिर्फ 1459 लाइसेंस ही बने।
आरटीओ में आरआई उमेश कटियार ने बताया कि नया ट्रैक पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से लैस है, जिसमें हर छोटी गलती रिकॉर्ड हो जाती है। जैसे ही ड्राइवर कोई गलती करता है, सिस्टम उसे तुरंत फेल कर देता है। इससे पास होने की दर काफी कम हो गई है।
पूर्व में ड्राइविंग टेस्ट पुलिस लाइन ग्राउंड में लिए जाते थे, जहाँ मैनुअल निगरानी के कारण थोड़ी ढील मिल जाती थी। लेकिन अब अरतौनी स्थित आधुनिक टेस्टिंग ट्रैक पर नियम काफी सख्त कर दिए गए हैं।
ट्रैक की सख्ती और तकनीकी निगरानी के चलते आवेदकों में भय और असमंजस का माहौल है। कई आवेदकों को ट्रैक के नियम और ड्राइविंग शर्तों की स्पष्ट जानकारी नहीं है, जिससे वे या तो टेस्ट देने से बच रहे हैं या फेल हो रहे हैं।