हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, 5 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सर सैयद अकादमी और भूमि एवं उद्यान विभाग द्वारा आज विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर सर सैयद हाउस में एक विशेष वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया।
इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को सर सैयद अकादमी और लैण्ड एण्ड गार्डन विभाग द्वारा आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में एएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज़ उपस्थित रहे, जबकि नवीन प्रकाश शाक्या, आईएफएस (जिला वन अधिकारी) विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। अन्य गणमान्य अतिथियों में प्रो. शाफे किदवई (निदेशक, सर सैयद अकादमी), प्रो. असफ़र अली खान (निदेशक, स्कूल एजुकेशन), प्रो. आबिद अली खान (निदेशक, आईक्यूएसी), प्रो. अनवर शहज़ाद (प्रभारी, भूमि एवं उद्यान विभाग), प्रो. टी.एन. सथीसन (डीन, कला संकाय), प्रो. इकराम हुसैन (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय), और डॉ. मोहम्मद शाहिद (उप निदेशक, सर सैयद अकादमी) प्रमुख रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम में 20 पौधों का रोपण हुआ।

प्रो. मोहम्मद गुलरेज़ ने अपने संबोधन में कहा कि, पर्यावरण संरक्षण केवल एक समकालीन चिंता नहीं, बल्कि हमारी शैक्षिक और सांस्कृतिक विरासत में निहित एक सभ्यतागत मूल्य है। उन्होंने इतिहास को क्रियाशीलता से जोड़ने के इस प्रयास की सराहना की, जो न केवल शिक्षाप्रद है बल्कि प्रेरणादायक भी है।
नवीन प्रकाश शाक्या ने एएमयू की हरित पहलों की प्रशंसा की और विश्वविद्यालय समुदाय से आग्रह किया कि वे इसी प्रकार के लगातार प्रयासों के माध्यम से पर्यावरणीय उत्तरदायित्व को आगे बढ़ाते रहें।
इस अवसर पर प्रो. शाफे किदवई ने एक ऐतिहासिक प्रसंग साझा किया, जो एएमयू की पर्यावरणीय चेतना की निरंतरता को उजागर करता है। नवंबर 1875 में, जब मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज, जो बाद में एएमयू बना, की आधारशिला रखी गई, उस भव्य समारोह में तत्कालीन उत्तरी-पश्चिमी प्रांतों के लेफ्टिनेंट गवर्नर लॉर्ड विलियम म्योर अपनी पत्नी एलिजाबेथ हंटली के साथ उपस्थित थे। उस अवसर पर उन्होंने फैज़ गेट के पास एक पौधा रोपा, जो शिक्षा और पर्यावरणीय मूल्यों के समन्वय का प्रतीक बना।
म्योर की पत्नी ने उस नवरोपित पौधे से एक पत्ता स्मृति के रूप में लिया। यह एक छोटा सा लेकिन भावपूर्ण संकेत था जो विकास, स्मृति और भूमि से जुड़ाव को दर्शाता है।
प्रो. किदवई ने यह भी बताया कि लॉर्ड म्योर केवल औपचारिक अतिथि नहीं थे, बल्कि एमएओ कॉलेज के प्रारंभिक वर्षों में एक सक्रिय समर्थक रहे। उन्होंने एक छात्रवृत्ति की स्थापना की और संस्थान के ‘विज़िटर‘ के रूप में आधुनिक, समावेशी शिक्षा के लिए सर सैयद अहमद खान के दृष्टिकोण को मजबूती दी।

प्रो. अनवर शहज़ाद ने कहा कि यह वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया है, बल्कि सर सैयद अहमद खान के उन मूल्यों को श्रद्धांजलि भी है, जिनके अनुसार शिक्षा सामाजिक, नैतिक और पर्यावरणीय उन्नति का माध्यम होनी चाहिए।
इस अवसर पर प्रो. रियाज़ अहमद, डॉ. अली जाफर आबेदी, डॉ. जुबैर शादाब खान, और सैयद हुसैन हैदर ने भी पौधारोपण किया।
इसके अतिरिक्त अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 को वैश्विक थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’ के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, स्कूलों और केंद्रों में आयोजित विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया। इन आयोजनों ने पर्यावरण संरक्षण, सतत जीवनशैली और जिम्मेदार आचरण के प्रति विश्वविद्यालय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाया।
भौतिकी विभाग ने वृक्षारोपण अभियान और प्लास्टिक कचरा हटाने की गतिविधियों के साथ दिन की शुरुआत की। डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता ने प्लास्टिक के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों पर प्रकाश डाला, जबकि प्रो. अनीसुल ऐन उस्मानी ने इसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और इसके उन्मूलन की आवश्यकता पर बल दिया।
तहफ़्फ़ुज़ी व समाजी तिब विभाग (यूनानी चिकित्सा संकाय) ने दो सप्ताह का पूर्व-कैंपेन चलाया, जिसमें क्लीन-अप ड्राइव, कचरे की श्रेणीकरण, पर्यावरणीय जागरूकता सत्र और शपथ ग्रहण समारोह शामिल थे। प्रो. रूबी अंजुम ने कपड़े के थैले और नीम की कंघी जैसे प्राकृतिक विकल्पों को अपनाने का आग्रह किया।
भाषाविज्ञान विभाग ने अध्यक्ष मसूद अली बेग के नेतृत्व में शपथ समारोह आयोजित किया, जिसमें उन्होंने पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मानव आचरण की भूमिका पर जोर दिया।
मुआलीजात विभाग ने ‘वैश्विक रूप से प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें’ विषय पर शपथ समारोह का आयोजन कर छात्रों और स्टाफ में जागरूकता का संदेश फैलाया।
शिक्षा विभाग ने पौधारोपण, टिकाऊ जीवनशैली के लिए सामूहिक शपथ, और प्लास्टिक कचरा पृथक्करण जैसी कई गतिविधियाँ आयोजित कीं। मुख्य अतिथि प्रो. अनवर शहज़ाद ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। एम.एड., बी.एड. छात्र व शोधार्थी सक्रिय रूप से शामिल हुए।
प्रबंधन अध्ययन विभाग में प्रो. सलमा अहमद के नेतृत्व में शपथ समारोह हुआ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों के रूप में जूट बैग वितरित किए गए।
कंटीन्युइंग एंड एडल्ट एजुकेशन एंड एक्सटेंशन सेंटर द्वारा डॉ. अली जाफर आब्दी (यूनिवर्सिटी हेल्थ ऑफिसर) का व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें प्लास्टिक के स्वास्थ्य प्रभाव और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर भारत सरकार के प्रतिबंध पर प्रकाश डाला गया।
सेंट्रल ऑटोमोबाइल वर्कशॉप और परिवहन विभाग द्वारा शपथ समारोह और सफाई अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें प्लास्टिक-मुक्त कार्यस्थल को बढ़ावा दिया गया।
वीमेन्स कॉलेज के स्किल डेवलपमेंट और करियर प्लानिंग सेंटर ने अपशिष्ट प्लास्टिक, कांच, रबर आदि से बनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी आयोजित की। प्रशिक्षुओं ने प्लांटर, आयोजक और सजावटी वस्तुएं प्रस्तुत कीं। चल रहे ष्कपड़े का थैला अभियानष् को भी बढ़ावा दिया गया।
प्रो. शगुफ़्ता इम्तियाज़ (प्रभारी प्राचार्या) ने सोशल मीडिया के माध्यम से इको-फ्रेंडली उत्पादों के विपणन के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. समरीन हसन खान ने अप्रयुक्त कपड़ों के रचनात्मक उपयोग और आर्थिक आत्मनिर्भरता की संभावनाओं को रेखांकित किया।
कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्राचार्या प्रो. फरहा आज़मी के नेतृत्व में बी.एससी. नर्सिंग के छात्रों ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और स्वच्छ व हरित पृथ्वी की रक्षा के लिए शपथ ली।

जेएन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें अध्यक्ष सिजाउद्दीन और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
अब्दुल्ला स्कूल ने ऑनलाइन ईको-आर्ट एक्टिविटी, सफाई और पौधारोपण कार्यक्रमों के साथ दिन मनाया, जिसमें डॉ. सालेहा जमाल और उमरा ज़हीर ने मार्गदर्शन किया।
एएमयू गल्र्स स्कूल ने एक सप्ताह तक जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें सुबह की सभा, रैली, प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन, पोस्टर निर्माण और कविता प्रतियोगिताएं शामिल थीं। प्राचार्या अमना मलिक और उप-प्राचार्या अलका अग्रवाल के नेतृत्व में छात्रों में पर्यावरणीय मूल्यों का संचार किया गया।
एएमयू की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और एएमयू एबीके हाई स्कूल (बॉयज़) ने मिलकर एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की। छात्रों ने पोस्टर, निबंध, नारे लेखन, नाटिका, भाषण और वाद-विवाद जैसी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्लास्टिक और तंबाकू के विरुद्ध संदेश पर विशेष जोर दिया गया।
समापन समारोह में, प्रो. मंसूर आलम सिद्दीकी ने प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्परिणामों पर व्याख्यान दिया। डॉ. मोहम्मद अरसलान खान ने पुनर्चक्रण की व्यावहारिक विधियाँ साझा कीं। फातमा फहीम (ब्रिज कोर्स की अतिथि फैकल्टी) ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित मुद्दों को रेखांकित किया।
एनएसएस समन्वयक डॉ. मोहम्मद मोहसिन खान ने प्राचार्या डॉ. समीना और फैतमा फहीम को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद इमरान खान ने प्रस्तुत किया।
यह आयोजन ‘कचरा चर्चा’ जैसी पूर्व जागरूकता पहलों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य शून्य अपशिष्ट जीवनशैली को अपनाना और प्लास्टिक उपयोग को समाप्त करना है। एएमयू ने इन समन्वित प्रयासों के माध्यम से पर्यावरणीय चेतना को मजबूत किया और प्लास्टिक उपयोग को कम करने के लिए व्यवहारिक समाधान अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।