हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
लगातार दूसरे दिन ईडी की पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बहनोई और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा के शिकोहपुर में भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को पूछताछ के लिए तलब किया। पूछताछ का यह सिलसिला आज (16 अप्रैल) भी जारी रहेगा। 56 वर्षीय वाड्रा को इस मामले में पहली बार 8 अप्रैल को समन भेजा गया था, लेकिन वे तब उपस्थित नहीं हुए थे।
6 घंटे लंबी पूछताछ, आज फिर से बुलाया गया
बीते दिन ईडी ने उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की। आज फिर से वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पूछताछ से पहले वाड्रा ने खुद को मानसिक रूप से मजबूत बताते हुए कहा कि वह इन सबका सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने एक सियासी कार्टून शेयर कर बीजेपी पर तंज कसा और दावा किया कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
वाड्रा बोले – “मैं सत्य में विश्वास करता हूं, जीत उसी की होगी”
रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा,
“मेरे जन्मदिन के सप्ताह में मेरी सेवाएं कुछ दिनों के लिए रोकी गई हैं। मैंने जो बुजुर्गों को भोजन कराने और बच्चों को उपहार देने की योजनाएं बनाई थीं, वो जारी रहेंगी। मुझे न तो सरकार रोक सकती है, न ही मेरे राजनीति में आने की इच्छा। मैं सत्य में विश्वास करता हूं और सत्य की जीत होगी।”
ईडी की जांच का आधार: 2008 का भूमि सौदा
प्रवर्तन निदेशालय की जांच स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी नामक कंपनी से जुड़ी है, जिसके मालिक रॉबर्ट वाड्रा हैं। ईडी के अनुसार, 2008 में वाड्रा की कंपनी ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से शिकोहपुर (गुड़गांव) में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी और फिर यह जमीन रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई। ईडी इस सौदे में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।
“मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं” – वाड्रा का दावा
वाड्रा का कहना है कि वे पहले भी ईडी को 2019 में 23,000 से अधिक दस्तावेज सौंप चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार उन्हीं सवालों के जवाब देने पड़ रहे हैं।
“यह मामला 20 साल पुराना है, कोई नया मुद्दा नहीं है। मैं हर सवाल का जवाब दे चुका हूं और फिर दूंगा। यह सब राजनीति से प्रेरित है।”
राजनीति में आने के संकेत
हाल ही में एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी उन्हें राजनीति में कदम रखने के लिए कहे और परिवार का आशीर्वाद मिले, तो वह इसके लिए तैयार हैं। वाड्रा ने ये भी कहा कि उन्हें अक्सर चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों द्वारा निशाना बनाया जाता है।
विपक्ष का आरोप: “राजनीतिक प्रतिशोध”
वाड्रा और कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि “सत्तारूढ़ पार्टी एजेंसियों का उपयोग कर विपक्ष को दबाना चाहती है।”