अमेरिका-भारत टैरिफ विवाद पर ट्रंप का खुलासा, मोदी का कड़ा जवाब
अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा खुलासा किया है। ट्रंप ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की थी। इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से तनाव, युद्ध की स्थिति, टैरिफ और संभावित व्यापार समझौते को लेकर चर्चा की।
ट्रंप का दावा – मोदी को दी चेतावनी
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने बातचीत के दौरान पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे एक शानदार इंसान से बात कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव पर सवाल किया। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने मोदी को चेतावनी दी थी कि अमेरिका भारत के साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेगा और अगर हालात बिगड़े तो भारी टैरिफ लगा देगा। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी से कहा – “अगर आप दोनों परमाणु युद्ध में उलझते हैं, तो हालात खराब हो जाएंगे। समझौता नहीं हुआ तो इतने ज्यादा टैरिफ लगा दूंगा कि हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा।”
ट्रंप ने यहां तक दावा किया कि उनकी बातचीत के बाद 5 घंटे के भीतर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव थम गया।
अमेरिका का टैरिफ हमला
अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है। इससे पहले अमेरिका ने 1 अगस्त 2025 को भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था और 6 अगस्त को 25% पेनल्टी टैरिफ भी थोप दिया। अब इन तीनों कदमों के बाद भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले सामान पर 50% शुल्क लगाना अनिवार्य हो गया है।
भारत ने इस फैसले को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है। इसके अलावा अमेरिका ने यह टैरिफ रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से लागू किया है, ताकि भारत रूस के साथ व्यापारिक संबंधों में ढील दे।
मोदी का जवाब – दबाव के आगे नहीं झुकेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के कदम को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि भारत न कभी झुका है और न ही झुकेगा। मोदी ने कहा कि चाहे अमेरिका कितना भी आर्थिक दबाव बना ले, भारत अपनी संप्रभुता और स्वतंत्र निर्णयों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत इस संकट का समाधान ढूंढ लेगा।
भारत की रणनीति – आत्मनिर्भरता और नए साझेदार
भारत सरकार ने टैरिफ के असर को कम करने के लिए कई विकल्पों पर काम शुरू कर दिया है। इसमें शामिल हैं:
- कूटनीतिक विरोध: अमेरिका से इस फैसले पर विरोध दर्ज कराना।
- जवाबी टैरिफ: अमेरिकी सामान पर भी शुल्क बढ़ाना।
- नए बाजार तलाशना: एशिया, यूरोप और अफ्रीका में निर्यात बढ़ाना।
- घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: आत्मनिर्भर भारत अभियान और टैक्स सुधारों के जरिए असर कम करना।
- रूस के साथ व्यापार बनाए रखना: रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के व्यापारिक संबंध जारी रखना।