हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 25 मई : 2025
नई दिल्ली, 25 मई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक का आयोजन हुआ। यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रही — एक ओर जहां इसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में रोडमैप पर चर्चा हुई, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को भी सर्वसम्मति से समर्थन मिला।
टीम इंडिया की भावना से काम करने पर जोर
बैठक के उद्घाटन संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को “टीम इंडिया” की भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि, “अगर केंद्र और राज्य मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। विकसित भारत हर भारतीय का सपना और लक्ष्य है।”
उन्होंने निवेश को आकर्षित करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नीति संबंधी अड़चनों को दूर करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। पीएम ने कहा कि “हर राज्य, हर शहर, हर गांव को विकसित करना हमारा साझा उद्देश्य होना चाहिए।”
बैठक का मुख्य फोकस: विकसित भारत के लिए विकसित राज्य
इस बार बैठक का मुख्य विषय “2047 में विकसित भारत के लिए विकसित राज्य” रखा गया था। पीएम मोदी ने राज्यों से शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर विशेष ध्यान देने की अपील की। उन्होंने भविष्य के स्मार्ट शहरों के विकास, महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने और पर्यटन को प्रोत्साहन देने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
ऑपरेशन सिंदूर को सर्वसम्मति से समर्थन
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जानकारी दी कि सभी प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का सर्वसम्मति से समर्थन किया। यह बैठक ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के साथ पहली व्यापक बातचीत थी।
राज्यवार प्रमुख मांगें और सुझाव
1. हिमाचल प्रदेश: बकाया फंड जारी करने की मांग
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को लंबित फंड जारी करने की मांग करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार समय पर फंड दे दे, तो राज्य आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष योजनाओं में पात्रता मानदंडों में ढील की मांग की।
2. उत्तराखंड: सिंचाई और पर्यटन पर जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिफ्ट सिंचाई को पीएम कृषि सिंचाई योजना में शामिल करने और जल निकासी की समस्या के समाधान के लिए विशेष योजना की मांग की। साथ ही उन्होंने आगामी नंदा राज जात यात्रा (2026) और हरिद्वार कुंभ (2027) को भव्य और सफल बनाने के लिए केंद्र से सहयोग मांगा।
3. झारखंड: खनन क्षेत्र का बकाया और जवाबदेही
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की भूमि पर खनन के एवज में 1.4 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि का मुद्दा उठाया। उन्होंने कोल बियरिंग एक्ट में संशोधन और अनधिकृत खनन पर कंपनियों की जवाबदेही तय करने की मांग रखी। उन्होंने खनन से होने वाले प्रदूषण और विस्थापन की समस्याओं को भी रेखांकित किया।
4. दिल्ली: विकसित राजधानी का ब्लूप्रिंट
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘विकसित दिल्ली’ का रोडमैप प्रस्तुत करते हुए यमुना की सफाई, हर घर नल से जल, और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता बताया। उन्होंने केंद्र सरकार से मिले सहयोग के लिए आभार जताया और पीएम मोदी को दिल्ली के सर्वांगीण विकास में साथ देने के लिए धन्यवाद दिया।
5. तमिलनाडु: फंड आवंटन पर सवाल
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यों को मिलने वाले फंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि संघीय ढांचे में यह आदर्श नहीं है कि राज्यों को अपने हिस्से के फंड के लिए संघर्ष करना पड़े। उन्होंने सेंट्रल टैक्स रेवेन्यू में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50% करने की वकालत की।
इन राज्यों ने बैठक में भाग नहीं लिया
नीति आयोग के अनुसार, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी के प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि, इन राज्यों ने पहले ही अपनी अनुपस्थिति की सूचना आयोग को दे दी थी।