नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में हुई शिखर वार्ता ने भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दी। आठ दशकों से मजबूत दोस्ती को ध्रुवतारे जैसा स्थायी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले समय में यह मित्रता वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सामर्थ्य देगी। दोनों नेताओं ने सुरक्षा, ऊर्जा, व्यापार, विज्ञान, शिक्षा और परमाणु तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया। वार्ता के बाद दोनों देशों ने 15 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो आने वाले वर्षों के द्विपक्षीय रिश्तों को गति देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-रूस के रिश्ते परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके हैं, जो हर परीक्षा में खरे उतरे हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 2030 तक का आर्थिक सहयोग कार्यक्रम तैयार किया गया है। इससे व्यापार व निवेश को विविधता, संतुलन और टिकाऊपन मिलेगा। कृषि और उर्वरक क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण को नई मजबूती देगा। मोदी ने बताया कि रूस के साथ मिलकर भारत में यूरिया उत्पादन का संयुक्त उपक्रम शुरू किया जा रहा है, जिससे उर्वरक आपूर्ति को स्थिरता मिलेगी।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त बयान में कहा कि भारत को तेल, गैस और कोयले की निर्बाध आपूर्ति जारी रहेगी। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को तेजी से बढ़ता हुआ बताया। पुतिन ने कहा कि रूस भारत में सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने पर काम कर रहा है और छोटे मॉड्यूलर तथा तैरते परमाणु संयंत्रों की संभावना पर भी चर्चा हुई है। रूस की एजेंसी के अनुसार, रोसातोम ने भारत में परमाणु संयंत्र निर्माण से जुड़े कई बिंदुओं पर मंथन शुरू कर दिया है।
वार्ता में रक्षा सहयोग भी प्रमुख मुद्दा रहा। रूसी एजेंसी तास का दावा है कि रूस ने भारत में सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट बनाने का प्रस्ताव दिया है, हालांकि भारत सरकार की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुणे स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी और रूसी रक्षा संस्थानों के बीच शोध सहयोग पर भी समझौता हुआ। दोनों देशों ने सीमा सुरक्षा और कस्टम एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को मजबूत करने पर सहमति जताई, ताकि अवैध प्रवेश और तस्करी पर रोक लग सके।
भारत और रूस जल्द ही यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में काम तेज करेंगे। पुतिन ने संकेत दिया कि रूस भारतीय उत्पादों के लिए अपने बाजार को और सुलभ बनाएगा। साथ ही भारत ने घोषणा की कि वह रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का निःशुल्क ई-पर्यटक वीज़ा तथा समूह पर्यटक वीज़ा शुरू करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
समझौतों में शिपिंग प्रशिक्षण, डाक सेवाओं के आदान-प्रदान, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अनुसंधान, समुद्री खनिज खोज, खाद्य सुरक्षा मानक, मीडिया सहयोग और विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक समझौते शामिल रहे। रूस की एक बड़ी कंपनी भारत में लगभग 100 हजार करोड़ रुपये की लागत से यूरिया संयंत्र लगाएगी।
राष्ट्रपति पुतिन का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका अभिनंदन किया। तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुतिन ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। वार्ता और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद पुतिन देर शाम रूस के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संघर्ष पर भी अपनी बात रखी और कहा कि युद्ध का समाधान शांतिपूर्ण और संवाद के माध्यम से निकाला जाना चाहिए। पुतिन ने भी आर्थिक गतिविधियों को गति देने और भारतीय उत्पादों की खरीद बढ़ाने की बात कही। दोनों नेताओं ने भविष्य में और मजबूत, भरोसेमंद तथा रणनीतिक सहयोग के संकल्प के साथ वार्ता का समापन किया।













