हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 17 जून 2025
तेहरान, 17 जून 2025: पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। इस बीच, तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी भारतीय नागरिकों को तत्काल तेहरान छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। यह एडवाइजरी इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों और ईरान के जवाबी हमलों के बाद जारी की गई है, जिसने क्षेत्र में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है।

भारतीय छात्रों की स्थिति:
इस तनाव की चपेट में तेहरान में पढ़ने वाले करीब 140 भारतीय छात्र भी आ गए हैं, जो मुख्य रूप से तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि शुक्रवार तड़के करीब 3:20 बजे एक जोरदार धमाके ने उन्हें दहशत में डाल दिया। एक छात्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “सुबह के धमाके के बाद काला धुआं दिखाई दिया। इसके बाद फाइटर जेट्स और ड्रोन्स की आवाजें सुनाई दीं। हम हॉस्टल में ब्लैकआउट की स्थिति में डर के मारे नीचे बैठे रहे।
छात्रों ने बताया कि शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक लगातार धमाकों और जेट्स की गड़गड़ाहट ने उन्हें और भयभीत कर दिया। एक छात्रा, तबिया जहरा, ने कहा, “हालांकि अभी माहौल शांत है, लेकिन हमें नहीं पता कि कब स्थिति फिर बिगड़ जाए। हम भारत सरकार से जल्द से जल्द निकासी की गुहार लगा रहे हैं।
विश्वविद्यालय का सहयोग:
तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधिकारियों ने छात्रों का हौसला बढ़ाने की कोशिश की। एक छात्र ने बताया, “धमाकों के बाद हमारे वाइस-डीन और डीन हमसे मिलने आए और हमें आश्वासन दिया कि सब ठीक होगा। लेकिन उस रात का डर अभी भी हमारे दिलों में है।”
भारतीय दूतावास की कार्रवाई:
भारतीय दूतावास ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (+989010144557, +989128109115, +989128109109) और एक टेलीग्राम लिंक जारी किया है, ताकि भारतीय नागरिक दूतावास के साथ संपर्क बनाए रख सकें। दूतावास ने नागरिकों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय प्रशासन के सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि कुछ छात्रों को दूतावास की मदद से ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है, और अन्य निकासी विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।
निकासी की चुनौतियां और ईरान का सहयोग:
इजरायल के हमलों के बाद ईरान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे हवाई मार्ग से निकासी जटिल हो गई है। हालांकि, ईरान ने भारत के अनुरोध पर नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अपनी जमीनी सीमाएं (अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान, और अफगानिस्तान की ओर) खोलने की अनुमति दी है। भारत सरकार ने ईरान से सभी फंसे हुए नागरिकों का विवरण साझा करने का अनुरोध किया है ताकि निकासी प्रक्रिया को समन्वित किया जा सके।
छात्रों की अपील:
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ और अन्य नेताओं, जैसे AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा, ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप और निकासी की मांग की है। छात्रों ने कहा, “हमें भारत की ताकत पर भरोसा है। हम चाहते हैं कि सरकार हमें जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाए।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीति के जरिए तनाव कम करने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात कर क्षेत्र में शांति की आवश्यकता पर जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं।