नेपाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली शनिवार, 27 सितंबर को इस्तीफे के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नज़र आए। वे राजधानी काठमांडू के पास भक्तपुर में अपनी पार्टी के छात्र संगठन राष्ट्रीय युवा संघ के एक कार्यक्रम में पहुंचे।
गौरतलब है कि ओली ने 9 सितंबर को युवाओं के बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों और राजनीतिक दबाव के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे देश छोड़कर बाहर चले गए हैं। लेकिन अब उन्होंने अपनी उपस्थिति और तीखे बयानों से राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
भक्तपुर में अपने संबोधन के दौरान ओली ने मौजूदा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोग इसे “Gen-Z सरकार” कह रहे हैं, लेकिन यह सरकार न तो संवैधानिक प्रावधानों के तहत बनी है और न ही जनता के वोट से। उनके अनुसार, यह सत्ता तोड़फोड़, आगजनी और हिंसक प्रदर्शनों के जरिए हासिल की गई है, जो लोकतंत्र और राजनीतिक परंपराओं के खिलाफ है।
ओली ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री पद छोड़ना उनका व्यक्तिगत निर्णय था, क्योंकि हालात लगातार बिगड़ रहे थे और देश हिंसा की आग में झुलस रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सत्ता व्यवस्था अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है और जनता को गुमराह कर रही है।
इस बीच, नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता लगातार बनी हुई है। नई सरकार बनने के बाद भी जनता के बीच असंतोष और विरोध प्रदर्शन जारी हैं। ओली के इस बयान से साफ है कि वे विपक्ष में रहते हुए मौजूदा सत्ता के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाएंगे और आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति और गरम हो सकती है।