हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ बुधवार 4 जून 2025
लखनऊ/कानपुर। लखनऊ और कानपुर के बीच रैपिड रेल परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) से आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अमौसी एयरपोर्ट से लेकर कानपुर के गंगा बैराज तक हाई-स्पीड रैपिड रेल चलाई जाएगी, जो महज 40 से 50 मिनट में यह दूरी तय करेगी।
फिलहाल इस रूट पर सड़क मार्ग से सफर में 1.5 से 2 घंटे लगते हैं। लेकिन रैपिड रेल की शुरुआत से न केवल यात्रियों का समय बचेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।
क्या है खास रैपिड रेल में?
160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली यह रैपिड रेल अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी। इसमें ऑटोमैटिक डोर, स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम, हाई-स्पीड ब्रेकिंग जैसी सुविधाएं होंगी। मौसम की खराबी जैसे कोहरा या बारिश भी इसकी गति को बाधित नहीं करेगी। साथ ही इसे लखनऊ और कानपुर मेट्रो स्टेशनों से भी जोड़ा जाएगा, जिससे इंटरकनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।
रूट मैप और निर्माण योजना
प्रस्तावित रूट अमौसी एयरपोर्ट से शुरू होकर बनी, जैतीपुर, अजगैन, मगरवारा होते हुए कानपुर के गंगा बैराज तक जाएगा। यह रूट सड़क और पारंपरिक रेलवे लाइन के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। NCRTC ने हाल ही में लखनऊ दौरा कर सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। LDA ने इस प्रोजेक्ट को लखनऊ की महायोजना के अनुरूप मानते हुए NOC जारी कर दिया है।
विकास को नई रफ्तार
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना लखनऊ और कानपुर के बीच न केवल कनेक्टिविटी को सशक्त बनाएगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा देगी। NCRTC का दावा है कि मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल की तर्ज पर इस परियोजना को भी आधुनिक तकनीक से जल्द पूरा किया जाएगा।
2015 में आया था प्रस्ताव
रैपिड रेल का पहला प्रस्ताव वर्ष 2015 में तैयार हुआ था। 2021 में RFP की तैयारी शुरू हुई और 2022 में शासन स्तर पर बैठक के बाद प्रक्रिया में तेजी आई। हालांकि, कोविड महामारी ने इसमें देरी कर दी, लेकिन अब यह परियोजना फिर से गति पकड़ चुकी है।