हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय ने फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से डी. फार्मा (डॉक्टर ऑफ फार्मेसी) और एम. फार्मा (मास्टर ऑफ फार्मेसी) पाठ्यक्रमों की मान्यता प्राप्त हुई है। इस मान्यता के बाद विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शिक्षा के साथ व्यावहारिक और औद्योगिक अनुभव का अवसर प्रदान करेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ये दोनों पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य छात्रों को क्लिनिकल और इंडस्ट्री आधारित प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें प्रयोगशालाओं और अस्पतालों में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलेगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने बताया कि नए पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
प्राचार्य प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी ने बताया कि डी. फार्मा छह वर्षीय पेशेवर डाक्टरेट कार्यक्रम है, जिसमें पांच वर्ष का अध्ययन और एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है। वहीं, एम. फार्मा दो वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम है, जिसमें फार्मास्युटिक्स, औषधि रसायन और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में फार्मासिस्ट या क्लिनिकल फार्मासिस्ट के रूप में करियर बना सकेंगे।