हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत में हर वर्ष 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और उपचार के महत्व के प्रति जागरूक करना है। यह दिन नोबेल विजेता मैडम क्यूरी की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्होंने रेडियम और पोलोनियम की खोज से रेडियोथेरेपी जैसे उपचारों की नींव रखी। इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी।
भारत में कैंसर की चिंताजनक स्थिति
देश में प्रतिवर्ष लगभग 15 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं। पुरुषों में फेफड़े, सिर और गर्दन का, जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर प्रमुख है। मिजोरम, मेघालय, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्र माने जाते हैं। जागरूकता की कमी, गरीबी और चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण अधिकतर मामलों में रोग देर से पकड़ में आता है।
2025 की थीम: ‘United by Unique’
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य प्रत्येक मरीज की विशिष्ट आवश्यकताओं पर केंद्रित, व्यक्तिगत और रोगी-केंद्रित देखभाल को बढ़ावा देना है।
मुख्य कारण और चुनौतियां
धूम्रपान, शराब, असंतुलित आहार, निष्क्रिय जीवनशैली, प्रदूषण और आनुवंशिक कारण प्रमुख जोखिम हैं। ग्रामीण इलाकों में जांच सुविधाओं की कमी, कैंसर को लेकर फैले मिथक और सामाजिक कलंक सबसे बड़ी बाधाएं हैं।
समाधान और आगे की राह
नियमित स्क्रीनिंग, जन-जागरूकता अभियान, और ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे का सुदृढ़ीकरण ही इस बढ़ते संकट से निपटने की दिशा में निर्णायक कदम हो सकते हैं।













