नई दिल्ली, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही राज्य में नई NDA सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियाँ तेज हो गई हैं। गुरुवार को गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इससे पहले पटना में बीजेपी विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें सम्राट चौधरी को विधानमंडल दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता के रूप में पुनः चुना गया। इस निर्णय के बाद स्पष्ट हो गया कि नई सरकार में भी दोनों नेता डिप्टी सीएम की भूमिका निभाते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में भी इन्हें इन्हीं पदों पर चुना गया था और दोनों पहली बार नीतीश कुमार की नौवीं सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे।
बैठक के दौरान कई वरिष्ठ नेताओं ने नए प्रस्ताव को पेश किया। इसमें प्रेम कुमार, कृष्ण कुमार ऋषि, अरुण शंकर प्रसाद, नितिन नबीन और रमा निषाद शामिल थे। प्रस्तावों को समर्थन रामकृपाल यादव, संगीता कुमारी, मिथिलेश तिवारी, वीरेंद्र कुमार और मनोज शर्मा ने दिया। इससे स्पष्ट हुआ कि पार्टी के भीतर नए नेतृत्व को लेकर व्यापक सहमति है।
इधर, केंद्रीय नेतृत्व ने पूरे प्रक्रिया की निगरानी के लिए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाकर पटना भेजा गया था। पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक में मौजूद रहकर नेतृत्व चयन की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण कराया।
अब बिहार की राजनीति गुरुवार के शपथ ग्रहण पर टिकी है, जहां नई NDA सरकार की औपचारिक शुरुआत होगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन सरकार से राज्य में प्रशासनिक स्थिरता और विकास को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।













