भ्रामक खबरों पर लगेगी लगाम: आईआईटी कानपुर में बना AI बॉट बताएगा फोटो-वीडियो की सच्चाई
कानपुर के आईआईटी परिसर से एक उल्लेखनीय तकनीकी पहल सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही फर्जी खबरों, फोटो और वीडियो की पहचान को आसान बना सकती है। मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में इंटरनेशनल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे छात्र आशुतोष भूषण ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित बॉट विकसित किया है, जो दो से तीन मिनट में किसी खबर या मीडिया सामग्री की सच्चाई उजागर कर देगा।
यह बॉट न केवल खबर के फर्जी या असली होने की पुष्टि करता है, बल्कि यह भी बताता है कि खबर में किस प्रकार की भावनात्मक या पक्षपातपूर्ण भाषा का उपयोग किया गया है। साथ ही, जिस स्रोत से खबर ली गई है, उसकी विश्वसनीयता की भी जांच करता है। इस बॉट का प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही एक पूर्ण उत्पाद के रूप में लॉन्च किया जाएगा।
आशुतोष, जो आईआईटी कानपुर के उपनिदेशक प्रो. बृजभूषण के पुत्र हैं, ने बताया कि उन्होंने यह बॉट संस्थान में रहकर ही तैयार किया है। इसकी साइबर सुरक्षा संबंधी प्रणाली पर अभी कार्य चल रहा है, जबकि अन्य तकनीकी हिस्से पूरे किए जा चुके हैं। बॉट को आम उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट और मोबाइल एप के रूप में उपलब्ध कराने की योजना है, जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी लिंक को डालकर खबर की सच्चाई जान सकेगा।
आशुतोष ने बताया कि वर्तमान में कई वेबसाइटें और एप्स फेक न्यूज की पहचान के लिए मौजूद हैं, लेकिन उनका बॉट इनसे अलग है। यह न केवल सच्चाई बताता है, बल्कि फर्जी खबरों के पीछे की वजहों की विस्तृत जानकारी भी देता है। आईआईटी कानपुर में इसकी टेस्टिंग भी सफलतापूर्वक हो चुकी है।