हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑16 मई : 2025
लखनऊ/मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव द्वारा भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर की गई जातिसूचक टिप्पणी को लेकर सियासत गरमा गई है। मुरादाबाद में एक जनसभा के दौरान दिए गए इस बयान की अब देशभर में तीखी आलोचना हो रही है। इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने सपा पर सीधा हमला बोला है।
बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस पूरे मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:
“पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पराक्रम से पूरा देश एकजुट व गौरवान्वित है। ऐसे में सेना को धर्म व जाति के आधार पर आँकना/बाँटना घोर अनुचित है। इसको लेकर बीजेपी के मंत्री ने जो गलती की, वही वरिष्ठ सपा नेता ने भी आज की है, जो शर्मनाक एवं निन्दनीय है।”
सीएम योगी ने साधा सपा पर निशाना
इस विवाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी रामगोपाल यादव के बयान की आलोचना करते हुए कहा:
“यह सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का अपमान है। सेना की वर्दी को जातिवादी चश्मे से नहीं देखा जा सकता। प्रत्येक सैनिक राष्ट्रधर्म निभाता है।”
सीएम योगी ने आगे कहा कि यह वही मानसिकता है जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है।
क्या कहा था रामगोपाल यादव ने?
रामगोपाल यादव ने मुरादाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति का उल्लेख किया और कहा कि वह हरियाणा की फलां जाति से आती हैं। इसके साथ ही उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भाग लेने वाले अन्य अधिकारियों की जातियों का भी ज़िक्र करते हुए दावा किया कि “असली लड़ाई PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) ने लड़ी है।”
विवाद के बाद सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने रामगोपाल यादव का बचाव किया। उन्होंने कहा:
“रामगोपाल यादव के बयान को बीजेपी ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उन्होंने सेना की एकता और सभी जातियों व धर्मों के योगदान की बात कही थी। उन्होंने किसी का अपमान नहीं किया, बल्कि यह बताया कि देश की सुरक्षा में हर वर्ग का योगदान है।”
इस बयान से सियासी हलकों में तेज़ हलचल है। जहां एक ओर विपक्ष इसे लेकर समाजवादी पार्टी पर हमला बोल रहा है, वहीं सपा अपने नेता का बचाव कर रही है। इस प्रकरण ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जातिवाद, सेना और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर बहस को फिर से हवा दे दी है।