हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
आईटीआई में दाखिले कम, सीटें खाली
देश भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में विभिन्न ट्रेडों के लिए कुल 26 लाख सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन हर साल सिर्फ 12-14 लाख प्रशिक्षु ही दाखिला लेते हैं। बाकी सीटें खाली रह जाती हैं। यह स्थिति लगातार बनी हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कई ट्रेडों की मांग कम है या संस्थानों की गुणवत्ता में कमी है।
लगातार रिक्त रहने वाली इकाइयों की संबद्धता समाप्त
जनवरी 2025 में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने देश भर के आईटीआई में मौजूद 4.49 लाख सीटों वाली 21069 इकाइयों की संबद्धता समाप्त कर दी। ये इकाइयाँ वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच लगातार रिक्त थीं। कोविड-19 महामारी को देखते हुए पहले इन पर ढील दी गई थी, लेकिन गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से अंततः इन्हें हटा दिया गया।
पिछले पांच वर्षों में 814 आईटीआई की संबद्धता समाप्त
वर्ष 2021 से 2025 के बीच डीजीटी ने 814 आईटीआई की संबद्धता समाप्त कर दी है। यह कदम उन संस्थानों के खिलाफ उठाया गया, जो निर्धारित बुनियादी ढांचे, संकाय की योग्यता, पाठ्यक्रम कार्यान्वयन और प्रशिक्षण गुणवत्ता के मानकों का पालन नहीं कर रहे थे।
प्रशिक्षण गुणवत्ता बनाए रखने पर ज़ोर
कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए डीजीटी समय-समय पर मानकों की समीक्षा करता है। सभी ट्रेडों की पाठ्यचर्या को उद्योग की जरूरतों के अनुसार नियमित रूप से अपडेट किया जाता है, ताकि प्रशिक्षुओं को रोजगार के अनुकूल बनाया जा सके।
देश में आईटीआई की स्थिति
भारत में वर्तमान में कुल 14612 आईटीआई संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 3316 राजकीय और 11296 निजी आईटीआई हैं। इनकी स्थापना और संचालन राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि संबद्धता, पाठ्यक्रम और परीक्षा केंद्र सरकार के अधीन होते हैं।
सीटें खाली क्यों रहती हैं?
प्रशिक्षुओं का दाखिला ट्रेड की मांग पर निर्भर करता है। कुछ पाठ्यक्रमों की मांग अधिक होती है, जिससे नामांकन दर बेहतर होती है, जबकि अन्य पाठ्यक्रमों में कम आवेदक होते हैं। यह क्षेत्रीय आवश्यकता और स्थानीय उद्योगों की मांग पर भी निर्भर करता है।
आईटीआई के उन्नयन के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं
सरकार ने आईटीआई की गुणवत्ता सुधारने और उन्नयन के लिए कई योजनाएं लागू कीं, जिनमें से अधिकतर 31 मार्च 2024 या 31 मई 2024 तक समाप्त हो चुकी हैं:
1. ‘स्ट्राइव’ योजना
- कुल 500 आईटीआई (467 राजकीय + 33 निजी) को चुना गया
- 581.56 करोड़ रुपये की सहायता
- कार्यशालाओं और प्रयोगशालाओं का उन्नयन
2. ‘मॉडल आईटीआई’ योजना
- 35 राजकीय आईटीआई का उन्नयन
- 10 करोड़ रुपये प्रति संस्थान
- कुल 193.10 करोड़ रुपये की सहायता
3. ‘ईएसडीआई’ योजना (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए)
- 34 नए आईटीआई की स्थापना
- 28 मौजूदा आईटीआई का आधारभूत ढांचा उन्नयन
- कुल 308.84 करोड़ रुपये की सहायता
4. ‘एलडब्लूई’ योजना (वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र)
- 48 जिलों में 48 आईटीआई की स्थापना
- 7.34 करोड़ रुपये प्रति संस्थान
- कुल 308.35 करोड़ रुपये की सहायता
उद्योग अनुरूप पाठ्यक्रमों पर फोकस
सीटीएस (शिल्पकार प्रशिक्षण योजना) के तहत सभी पाठ्यक्रमों में नियोज्यता कौशल (employability skills) को अनिवार्य किया गया है। इसमें आचरण, आईटी दक्षता, संप्रेषणीयता, कार्य नैतिकता जैसी जरूरी बातें शामिल हैं, ताकि प्रशिक्षु व्यावसायिक वातावरण में प्रभावी रूप से कार्य कर सकें।