हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परिवहन निगम में कार्यरत आउटसोर्सिंग परिचालकों को एक बड़ी सौगात दी है। सरकार ने उनके लिए पारस्परिक (आपसी सहमति से) स्थानांतरण की सुविधा देने का निर्णय लिया है, जिससे हजारों परिचालकों को अपने गृह जनपद या नजदीकी क्षेत्रों में सेवा देने का अवसर मिलेगा।
किन परिचालकों को मिलेगा लाभ?
परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने जानकारी दी कि यह सुविधा उन्हीं परिचालकों को मिलेगी:
- जिन्होंने न्यूनतम 6 माह की सेवा पूरी कर ली हो।
- और कम से कम 30,000 किलोमीटर की दूरी तय की हो।
ऐसे परिचालक अब आपसी सहमति से एक-दूसरे के स्थान पर पारस्परिक स्थानांतरण करवा सकेंगे।
अब तक क्या थी व्यवस्था?
अब तक नियुक्ति के समय जिस डिपो या क्षेत्र में परिचालक की तैनाती होती थी, उसे उसी स्थान पर सेवा देनी पड़ती थी। इसके चलते कई बार उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ता था, जिससे कार्य में अनियमितता भी देखने को मिलती थी।
नई व्यवस्था से होंगे ये फायदे
- परिचालकों को परिवार के पास रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी कार्य संतुष्टि और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
- अनुपस्थिति और छुट्टियों की संख्या में कमी आएगी, जिससे बसों का संचालन नियमित और सुचारु रहेगा।
- परिवहन निगम की कार्यक्षमता और राजस्व दोनों में वृद्धि की संभावना है।
- यात्रियों को समय पर और भरोसेमंद सेवा उपलब्ध होगी, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित और आरामदायक होगी।
सरकार का उद्देश्य: सुशासन और पारदर्शिता
मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि योगी सरकार प्रदेश में सुशासन, पारदर्शिता और सुविधाजनक सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह फैसला उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।