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एएमयू में डीएसीपी योजना लागू न होने से शिक्षकों में नाराजगी, एक अगस्त को हड़ताल का ऐलान
अलीगढ़, 29 जुलाई 2025 – अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (डीएसीपी) योजना को लागू न किए जाने से चिकित्सकीय सेवाएं देने वाले शिक्षकों में भारी रोष है। इस योजना के तहत 80 से 100 ऐसे शिक्षक शामिल हैं, जो वर्षों से असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और योग्यतानुसार एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर पद पर प्रमोशन के हकदार हैं।
अन्य विश्वविद्यालयों में योजना लागू, एएमयू में ठप प्रक्रिया
यूजीसी ने 2015 में डीएसीपी योजना के तहत शिक्षकों को उनकी क्षमता और अनुभव के आधार पर निश्चित अवधि के बाद प्रमोशन देने के निर्देश दिए थे। देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों—बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी—ने इस योजना को लागू कर कई शिक्षकों को प्रमोशन दिए। लेकिन एएमयू में आज तक यह योजना लागू नहीं हो सकी।
शिक्षकों का कहना है कि वे पिछले 15 से 20 साल से निरंतर काम कर रहे हैं, इलाज के साथ-साथ शिक्षण कार्य भी कर रहे हैं, फिर भी प्रमोशन से वंचित हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन समिति गठन का बहाना बनाकर इस योजना को लागू करने में टालमटोल कर रहा है।
विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का निर्णय
प्रभावित शिक्षकों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को कई बार पत्र लिखकर डीएसीपी योजना को लागू करने की मांग की। कई बार प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब शिक्षकों ने 1 अगस्त को जेएन मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम भवन में काम बंद कर सांकेतिक हड़ताल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को आगे भी जारी रखा जाएगा।
शिक्षकों का सवाल – मेहनत का उचित मूल्य कब मिलेगा?
शिक्षकों का कहना है कि वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ छात्रों को पढ़ा भी रहे हैं, लेकिन प्रमोशन न मिलना उनके मनोबल को तोड़ रहा है। उनका सवाल है कि जब अन्य विश्वविद्यालयों में यह योजना वर्षों पहले लागू की जा चुकी है, तो एएमयू में इसे लागू करने में देरी क्यों हो रही है।