अलीगढ़,
टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लाखों मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इंफा-25 सॉल्ट आधारित एक महत्वपूर्ण दवा, जिसकी कीमत अब तक 650 से 700 रुपये प्रति दस गोलियों की स्ट्रिप होती थी, अब 70 प्रतिशत तक सस्ती हो गई है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इस दवा का पेटेंट हाल ही में समाप्त हो गया है।
अब तक इस दवा का निर्माण एक प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी के पास सीमित था, जिसने इसके पेटेंट के चलते बाजार में एकाधिकार बनाए रखा था। इसके चलते लंबे समय तक इस दवा का सेवन करने वाले मरीजों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ता था। लेकिन पेटेंट समाप्त होते ही अन्य फार्मा कंपनियों को भी इस दवा के निर्माण की अनुमति मिल गई है।
कीमत में भारी गिरावट, मरीजों को मिलेगी राहत
अलीगढ़ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने बताया कि पेटेंट समाप्त होने के बाद बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जिससे इस दवा की कीमत में भारी गिरावट आई है। अब वही दस गोलियों की स्ट्रिप 150 से 180 रुपये के बीच उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि, “डायबिटीज के मरीजों को अब यह दवा काफी सस्ती मिलेगी, जिससे उन्हें इलाज के खर्च से काफी राहत मिलेगी।”
इलाज की निरंतरता बढ़ेगी, असर भी बेहतर होगा
चिकित्सकों का मानना है कि दवा की कीमत कम होने से मरीज अब नियमित रूप से दवा ले सकेंगे। पहले उच्च कीमत के कारण कई मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते थे या दवा लेना कम कर देते थे, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता था। लेकिन अब किफायती दवा उपलब्ध होने से उपचार की निरंतरता बनी रहेगी और बीमारी पर बेहतर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, पेटेंट खत्म होने के बाद बाजार में समान गुणवत्ता की दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं, जिससे मरीजों को ज्यादा विकल्प और बेहतर पहुंच मिलती है। यह बदलाव न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा की पहुंच बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।