हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14अप्रैल: 2025,
आकाश आनंद को पार्टी में मिला दोबारा मौका, लेकिन उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने स्पष्ट किया है कि आकाश आनंद की पार्टी में वापसी जरूर हुई है, लेकिन उन्हें पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं बनाया गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक वह स्वस्थ हैं और पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम हैं, तब तक किसी भी प्रकार के उत्तराधिकारी की कोई आवश्यकता नहीं है।
पार्टी में वापसी से पहले आकाश ने मांगी माफी
पूर्व नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने पार्टी से निष्कासन के बाद सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और भविष्य में कोई गलती न करने का संकल्प लिया। उन्होंने मायावती को अपना “राजनीतिक गुरु व आदर्श” बताते हुए भरोसा दिलाया कि अब से वह सिर्फ बसपा अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और किसी भी रिश्तेदार या बाहरी सलाहकार की बातों में नहीं आएंगे।
आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को नहीं मिलेगी माफी
मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में वापसी का कोई अवसर नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक ने न केवल पार्टी में गुटबाजी की बल्कि आकाश के राजनीतिक करियर को भी बर्बाद करने की कोशिश की। उन्होंने अशोक की गतिविधियों को “घोर पार्टी विरोधी” बताते हुए कहा कि उनके कृत्य अक्षम्य हैं और उन्हें माफ करने का सवाल ही नहीं उठता।
मायावती की पार्टी और मूवमेंट के प्रति निष्ठा
मायावती ने कहा कि जब तक वह स्वस्थ हैं, तब तक वह कांशीराम की तरह पार्टी और मूवमेंट के लिए पूरी तन्मयता से समर्पित रहेंगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि उनके जीते-जी किसी को भी पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाएगा। रिश्तों से ऊपर पार्टी और मूवमेंट को प्राथमिकता देने की बात भी उन्होंने फिर से दोहराई।
आकाश की ओर से भावुक अपील
सोशल मीडिया पर जारी अपने माफीनामे में आकाश आनंद ने कहा,
“मैं अपने सभी रिश्तों को पार्टी हित में पीछे रखूंगा और भविष्य में ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा जिससे पार्टी या मायावती के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचे।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करेंगे और उनके अनुभवों से सीखते हुए पार्टी को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
राजनीतिक परिपक्वता पर उठे सवाल
मायावती ने पहले भी यह बयान दिया था कि आकाश अभी राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुए हैं और इसी कारण उन्हें हटाने का फैसला लिया गया था। अब उन्होंने दोबारा मौका जरूर दिया है, लेकिन उत्तराधिकारी की भूमिका से साफ इनकार किया है।