हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 25 अक्तूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सीरत कमेटी द्वारा आयोजित सप्ताहव्यापी “सीरतुन्नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) कार्यक्रम” का शुभारंभ स्ट्रेची हॉल में हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि कुलसचिव प्रो. आसिम जफर ने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद साहब की शिक्षाएँ मानवता के लिए सार्वभौमिक संदेश हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से पैगम्बर के जीवन से प्रेरणा लेकर ज्ञान और नैतिकता के मार्ग पर चलने का आह्वान किया तथा विश्वविद्यालय में सीरत एकेडमी की स्थापना में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुख्य वक्ता डॉ. रजी-उल-इस्लाम नदवी, सचिव जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, ने कहा कि सीरत की महफिलें एक नेमत हैं और पैगम्बर से मोहब्बत ईमान का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने नबी ए करीम पर की गई आलोचनाओं का प्रभावशाली उत्तर देकर अपनी श्रद्धा और निष्ठा सिद्ध की थी। उन्होंने यह भी बताया कि सीरत सप्ताह की परंपरा अल्लामा शिब्ली नोमानी ने अपने निवास पर आरंभ की थी, जो अब विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पहचान बन चुकी है।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. मोहम्मद हबीबुल्लाह कासमी, डीन, फैकल्टी ऑफ थियोलॉजी, ने कहा कि पैगम्बर का जिक्र बरकत और सच्चे ईमान की निशानी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रेहान अख्तर ने किया, जबकि डॉ. मोहम्मद आसिम खान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। प्रारंभ में कारी मोहम्मद आजम ने कुरआन की तिलावत और कारी मोहम्मद अजमल ने हम्द पेश की।

















