हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: बुधवार 11 जून 2025
लखनऊ/वॉशिंगटन। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार, 11 जून 2025 को अंतरिक्ष के लिए रवाना होंगे। वह नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने वाले Axiom Mission-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। इस मिशन में उनके साथ तीन अन्य यात्री होंगे — हंगरी की कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज्नास्की-विस्नीव्स्की।
1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद, शुभांशु शुक्ला 41 वर्षों में अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की यात्रा है। अगर यह किसी एक युवा को प्रेरित कर सके, तो यह मेरी सबसे बड़ी सफलता होगी।”
शुक्ला इस मिशन के तहत 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे। इस दौरान वह ISRO और NASA के संयुक्त सहयोग से तैयार किए गए 12 वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे:
- ISRO के 7 और NASA के 5 जैविक व तकनीकी अध्ययन, जिसमें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण शामिल है।
- बीजों को अंतरिक्ष में विकसित कर वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा ताकि दीर्घकालिक कृषि व पोषण संबंधी अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।
- ISRO और DBT द्वारा विकसित खाद्य एवं पोषण प्रयोग, जो भविष्य की लंबी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेंगे।
Axiom-4 मिशन का अनुभव भारत के आगामी गगनयान मिशन (2027) के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। शुभांशु शुक्ला 2019 में गगनयान के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं। उन्हें रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बंगलूरू स्थित इसरो ट्रेनिंग सेंटर में व्यापक प्रशिक्षण मिला है। इसरो इस मिशन पर करीब 550 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
शुभांशु शुक्ला: भारतीय अंतरिक्ष का नया सितारा
- जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ
- स्कूली शिक्षा: सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ
- सैन्य प्रशिक्षण: नेशनल डिफेंस एकेडमी
- भारतीय वायुसेना में कमीशन: 2006
- उड़ान अनुभव: 2000+ घंटे, विमान: Su-30 MKI, मिग-29, जगुआर, डोर्नियर-228
- शैक्षणिक योग्यता: एमटेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, IISc बंगलूरू
अंतरिक्ष से पीएम मोदी से संवाद की योजना
मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छात्रों और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों से संवाद की योजना है। यह भारत के बढ़ते अंतरिक्ष प्रभाव को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मिशन को भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में हो रहे बदलावों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को पहचान रही है और Axiom-4 मिशन पर करीबी नजर रख रही है।”